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Dr. Zakir Nayak (musalman Guru/ teacher)
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1. गीता का ज्ञान कब तथा किसने, किसको सुनाया, किसने...
2. काल भगवान अर्थात् ब्रह्म अविनाशी है या जन्मता-म...
3. क्या ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव अविनाशी हैं?
4. श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी...
5. रजगुण ब्रह्मा है, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शंकर ह...
6. अविनाशी परमात्मा कौन है
7. गीता अध्याय 15 श्लोक 16 – क्षर और अक्षर पुरूष
8. पूर्ण मोक्ष क्या होता है
9. क्या गीता ज्ञान दाता ब्रह्म की भक्ति से पूर्ण म...
10. ऊँ तत् सत्’ इस मन्त्र के जाप से पूर्ण मोक्ष हो...
11. वह परमात्मा कौन है जो कुल का मालिक है
12. क्या ब्रह्मा, विष्णु तथा शंकर (शिव) की पूजा कर...
13. क्या क्षर पुरुष (ब्रह्म) की पूजा करनी चाहिए या...
14. ब्रह्म की भक्ति उत्तम नहीं है – गीता में प्रमा...
15. गीता ज्ञान दाता ने अपनी गति को अनुत्तम क्यों क...
16. केवल परम अक्षर ब्रह्म की ही पूजा (भक्ति) करनी ...
17. जो साधना हम पहले कर रहे हैं, क्या वह त्यागनी प...
18. पारखी संत श्री अभिलाष दास कह रहे थे कि संसार क...
19. क्या गीता में कहीं और भी लिखा है गीता ज्ञान दा...
20. परमात्मा साकार है या निराकार
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Saturday, March 18, 2017
बन्दीछोड़ गरीबदास जी महाराज जी कृत सतग्रन्थ साहिब के पृष्ठ नं. 423 से 427 और 431 से 437 से सहाभार
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सौ करोर दे यज्ञ आहूती, तौ जागै नहीं दुनिया सूती। कर्म काण्ड उरले व्यवहारा, नाम लग्या सो गुरु हमारा।। शंखौं गुणी मुनी महमंता, कोई न बूझै प...
Wednesday, September 21, 2016
आदरणीय गरीबदास जी महाराज
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अद्भुत उदाहरण:- आदरणीय गरीबदास जी महाराज सन् 1717 (संवत् 1774) में श्री बलराम जी के घर पर माता रानी जी के गर्भ से जन्म लेकर 61 वर्ष तक शरी...
Tuesday, June 28, 2016
गरीबदास जी साहिब जी द्वारा झुमकरा को तत्वभेद समझाना
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नाभी कमल मेँ पेठिये रे झुमकरा, चल बँकनाल के घाट सुनो राय झुमकरा ! इला पिँगला फेरिये रे झुमकरा , ऊतरो औघट घाट सुनो राय झुमकरा ! शुषमन सु...
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बंदी छोड़ गरीबदास जी साहिब ने सतगुरु महिमा और रिश्ते नातो का कैसा अलौकिक वर्णन किया है अपनी अमृतवाणी में :~
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सद्गुरु दीन दयाल दियाला। नजरी है नजर निहाला।। सतगुरु अगम भूमि से आये। निर्भय पद निज नाम सुनाये।। कर हंसा प्रतीति हमारी। सतगुरु प्यारे नर...
Wednesday, April 27, 2016
संत की पहचान sat guru ki pahichan
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उस घर की हमने खोल बताओ कोण था देव पुजारा जी ।। धरती भी नही थी , अम्बर भी नही था सकल पसारा जी . चाँद भी नही था ,सूरज भी नही था , नही था ...
Saturday, April 2, 2016
गरीबदास जी की वाणी में "नरक लोक" का वर्णन :- •••
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गरीब, जम किंकर के धाम कूं, साईं न ले जाय | बड़ी भयंकर मार है, सतगुरु करैसहाय || गरीब, कारे कारे किंगरे, नीला जम का धाम | जेते जामे...
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