आज लग्या साहिब को भोग, दीन के टुकड़े पानी का !
कोई जाग्या पुरबला भाग , सफल हुआ दिन जिंदगानी का !
कोई जाग्या पुरबला भाग , सफल हुआ दिन जिंदगानी का !
व्यंजन छतीसो ये नहीं चावें जो मिल ज्यावे रूचि रूचि पावे !!
प्रसाद अलूणा ये पा ज्यावे भाव लर देख प्राणी का !!
कोई जाग्या पुरबला भाग , सफल हुआ दिन जिंदगानी का !
प्रसाद अलूणा ये पा ज्यावे भाव लर देख प्राणी का !!
कोई जाग्या पुरबला भाग , सफल हुआ दिन जिंदगानी का !
सम्मन जी ने भोग लगाया, सर लड़के का काट के ल्याया
बंदी छोड़ ने तुरंत जिवाया पाया फल संत यजमानी का,
कोई जग्य पुरबला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
बंदी छोड़ ने तुरंत जिवाया पाया फल संत यजमानी का,
कोई जग्य पुरबला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
जिन भगतों के ये भोग लग ज्यावे , उनके तीनो तीनों ताप नसाये!
कोटि तीर्थ का फल वो पावे, लाभ ये संतो की वाणी का !!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !
कोटि तीर्थ का फल वो पावे, लाभ ये संतो की वाणी का !!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !
संतो की वाणी है अनमोल, इसे न समझ सके अनभल !
साहिब ने भेद दिया सब खोल, अपनी सतलोक राजधानिका!!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
साहिब ने भेद दिया सब खोल, अपनी सतलोक राजधानिका!!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
बलि राजा ने धरम किया था, हरी ने आ के दान लिया था !
पाताल लोक का राज दिया था, ऊँचा है दर्ज दानी का!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
पाताल लोक का राज दिया था, ऊँचा है दर्ज दानी का!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
धरमदास ने याग रचाई, बिन दर्शन नहीं जीवन गुसाई!!
दर्शन दे कर प्यास बुझाई, भाव लिया देख क़ुरबानी का !!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
दर्शन दे कर प्यास बुझाई, भाव लिया देख क़ुरबानी का !!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
रह्या क्यों मोह ममता में सोया, जगत में जीवन है दिन दोय !
पता न आवन हो के न होय, तेरे इस स्वास सैलानी का !
कोई जग्य पुरब्ला भाग, सफल हुआ दिन जिंदगानी का !१
पता न आवन हो के न होय, तेरे इस स्वास सैलानी का !
कोई जग्य पुरब्ला भाग, सफल हुआ दिन जिंदगानी का !१
जीव जो ना सतसंग में आया, भेद न उसे भजन का पाया !
गरीबदास को भी बावला बताया, के करले इस दुनिया सयानी का !!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
गरीबदास को भी बावला बताया, के करले इस दुनिया सयानी का !!
कोई जग्य पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का !!
साध सांगत से भेद जो पाया, गुरु रामदेवनन्द जी ने सफल बनाया !!
संत रामपाल को राह दिखाया, श्री धाम छुड़ानी का !!
कोई जाग्या पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का!!
संत रामपाल को राह दिखाया, श्री धाम छुड़ानी का !!
कोई जाग्या पुरब्ला भाग सफल हुआ दिन जिंदगानी का!!
आज लग्या साहिब को भोग दीन के टुकड़े पानी का !
कोई जाग्या पुरब्ला भाग, सफल हुआ दीन जिंदगानी का !!
कोई जाग्या पुरब्ला भाग, सफल हुआ दीन जिंदगानी का !!
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