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Sunday, March 19, 2017

जान बुझा साची ताजै करे झूट से नेह ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी नादेह

सत साहेब 



देखिए भग्तो ये इसे भग्तो के आस्था  पे खिलवाड करना  सिखाइ थि क्या मालिक ने ??
क्या कोडिनेटोर  इस लिए भनाए हे क्या ???
क्या मालिक को येइसे झूट कि आवस्यता हे क्या ?

आप कि राय क्या हे जी ??????

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अगर ये पुछने जाए तो फिर आप को गुरु द्रोही बोल्के भग्तो से अलग कर सकते हे ? ध्यान से मालिक कि दया से बिबेक से निर्णय ले (निर्णय लेने के लिए मालिक ने जीव को छूट दि हुइ हे )


जान बुझा साची ताजै करे झूट से नेह,
ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी नादेह


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