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Sunday, April 16, 2017

शब्द शब्द बहू अंतरा, शब्द के हाथ न पावं ।

शब्द शब्द बहू अंतरा, शब्द के हाथ न पावं ।
एक शब्द करे औषधि, एक शब्द करे घाव ।।

शब्द सम्भाले बोलियेे, शब्द खीँचते ध्यान ।
शब्द मन घायल करे, शब्द बढाते मान ।।


शब्द मुँह से छूट गया, शब्द न वापस आय ।
शब्द जो हो प्यार भरा, शब्द ही मन मेँ समाएँ ।।

शब्द मेँ है भाव रंग का, शब्द है मान महान ।
शब्द जीवन रुप है, शब्द ही दुनिया जहान ।।

शब्द ही कटुता रोप देँ, शब्द ही बैर हटाएं ।
शब्द जोङ देँ टूटे मन, शब्द ही प्यार बढाएं ।।

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