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Monday, December 28, 2015

Sabda of Kabir Saheb

"शब्द संभाले बोलिए, शब्द के हाथ न पावं!
"एक शब्द करे औषधि, एक शब्द करे घाव!
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"शब्द सम्भाले बोलियेे, शब्द खीँचते ध्यान!
"शब्द मन घायल करेँ, शब्द बढाते मान! 
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"शब्द मुँह से छूट गया, शब्द न वापस आय..
"शब्द जो हो प्यार भरा, शब्द ही मन मेँ समाएँ!
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"शब्द मेँ है भाव रंग का, शब्द है मान महान!
"शब्द जीवन रुप है, शब्द ही दुनिया जहान!
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"शब्द ही कटुता रोप देँ, शब्द ही बैर हटाएं!
"शब्द जोङ देँ टूटे मन, शब्द ही प्यार बढाएं.

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