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Saturday, January 2, 2016

sarir

तूम इस शरीर को शरीर मान रहा है ओर भगवान से. दुआ करता है हे भगवान हमें ठीक रखियो ।
ये शरीर है कोई.
दो सो छ: तो जोड लगा रखे हैं जुगाड का शरीर दे दिया काल ने ।
परमात्मा कहते हैं तू ठीक करने की बात करता है भोले आदमी तू इस जुगाड के शरीर में चल कैसे रहा है। के करैगा ऎसे गन्दे लोक मैं रह के । ये कोई रहणे की जगह है।

बालू की भीत पवन का खम्बा कब लग खैर मनावैगा ।
आ जम तेरे घट नै घेरै तू राम कहण ना पावैगा ।

लिया दिया तेरे संग चलैगा धरा ढका रह जावैगा ।
आजा बन्दे शरण राम की फेर पाच्छै पछतावैगा ॥

आग लगी आकाश मे......
झर-झर गिरे अंगार......
संत न होते जगत में......
तो जल मरता संसार......!!!
जय हो बंदी छोड़ जी की !!!!!

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