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Friday, January 1, 2016

भाई बहनो मेरे देशवासियो मनुष्य जन्म बहुत जन्मो के बाद मिलता है

भाई बहनो मेरे देशवासियो
मनुष्य जन्म बहुत जन्मो के बाद मिलता है ईसलिए
सोच्च विचार करके अपने शास्त्रो अनुसार साधना
करने वाले साधक पूर्ण मोक्ष प्राप्त करते है l जो फिर
लौटकर संसार में कभी नहीं आते l
जो भगती नही करते उनके साथ बहुत भयानक बनती है
सोच विचार करलो भाई --- ---- ---
-----बहु विधि जीवन कीन्ह पुकारा ,काल देत है कष्ट
अपारा l
यम का कष्ट सहा नहीं जाई ,हे सतगुरू होहुँ सहाई ll
-----आए जहाँ यम जीव सतावै ,काल निरंजन जीव
नचावै ll
चटक -चटक करे जीव तहँ भाई, ठाढे भया पुनि तहाँ मैं
जाई ll
-----मोहि देख जीव कीन्ह पुकारा ,हे साहिब हमों
लेहु उबारा ll
तब हम सत्य शब्द गुहरावा ,पुरूष शबद से जीव तपत
बुझावा ll
-----यम ते छुडा़व लेव तुम स्वामी ,दया करो प्रभु अन्तर
यामि ll
(भावार्थ ):-
उपरोक्त वाणी में तप्तशिला पर कष्ट भोग रहे
प्राणियों ने परम शक्ति से कष्ट निवारण की
प्रार्थना की तब मैं (कबीर परमेश्वर)उस तप्तशिला के
पास प्रकट हुआ lअपनी शक्ति से तप्तशिला की
गर्मी को शांत किया lसर्व प्राणियों ने तत्वग्यान
से परिचित होकर मुझ से (कबीर परमेश्वर से )काल के
जाल से निकालने की प्रार्थना की l
""""तब मैं कहा जीवन समझाई ,जोर करूं तो वचन नसाई
ll
भावार्थ :- कबीर परमेश्वर जी बता रहे हैं कि तब मैंने
उन प्राणियों से कहा मैं बलपूर्वक आपको काल से
छुडवा सकता हूँ l परन्तु मैंने इसको वचन दिया है कि मैं
बलपूर्वक जीवों को नहीं ले जाऊगां क्योंकि मैंने ही
तुम्हारी इच्छा से काल लोक में आने की आग्या दे
रखी है तथा कहा था कि तुम यहाँ(सतलोक
में)स्वइच्छा से आने की प्रार्थना करोगें तब तुम्हें भक्ति
शक्तियुक्त करके सतलोक लाऊगां l
----जब तुम जाय धरो जग देहा ,तब तुम करिहौं शब्द
स्नेहा ll
पुरूष नाम सुमिरन सहिदाना ,बीरा सार गहो
प्रवाना ll
----- देह धरो सत्य शब्द समाई ,तब हम सतलोक ले जाई
ll
जहाँ आशा तहाँ बासा होई ,मन कर्म वचन सुमिरै जोई
ll
भावार्थ :-परमेश्वर कबीर जी कह रहे हैं कि हे
प्राणियों जब तुम संसार में मानव शरीर प्राप्त करो
उस समय मेरे पूर्ण सन्त से सम्पूर्ण मन्त्र (सतनाम व
सारशब्द)प्राप्त करके सच्चे मन से भक्ति करना lजब तुम
मानव शरीर प्राप्त करके सत्य साधना ( तीनों मन्त्रों
ओंम,तत,सत्)की अन्तिम स्वांस तक करोगे तब तुम्हें
सतलोक"'

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