तन मन शीश ईश अपने पर,
तन मन शीश ईश अपने पर ,
पहले मे चोट चढ़ावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...(टेक)
भाई सतगुरु तिलक अजप्पा माला,
युक्त जटा रखवावे,
सतगुरु तिलक अजप्पा माला,
युक्त जटा रखवावै,
जद कोपिन सत्य का चोला ,
भीतर भेख बनावे,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
लोक लाज मर्यादा जगत की,
त्रण जो तोड़ भगावै,
कामिनी कनक जहर कर जानै,
वो शहर अगम पुर जावै,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
जो पतिव्रता पति से राखि,
आन पुरुष ना भावै,
बसे पीहर में सुरत परित में,
यो कोई ध्यान लगावै,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
भाई निन्दा अस्तुति मान बडाई,
मन से मार गिरावै,
अष्ट सिद्धि की अटक ना माने,
वो आगे कदम बढ़ावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
आशा नदी उलट के डाटै,
आडा फन्द लगावै,
भवजल खार समुद्र मे,
फिर बहुर ना खोड़ मिलावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
गगन महल गोविन्द गुमानी,
पलक माहे पहुंचावै,
गगन महल गोविन्द गुमानी,
पलक माहे पहुंचावै,
नितानन्द माटी का मन्दिर,
नूर तेज हो जावै,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी...
तन मन शीश ईश अपने पर,
तन मन शीश ईश अपने पर,
पहले मे चोट चढ़ावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी..
सत् साहेब..
तन मन शीश ईश अपने पर ,
पहले मे चोट चढ़ावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...(टेक)
भाई सतगुरु तिलक अजप्पा माला,
युक्त जटा रखवावे,
सतगुरु तिलक अजप्पा माला,
युक्त जटा रखवावै,
जद कोपिन सत्य का चोला ,
भीतर भेख बनावे,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
लोक लाज मर्यादा जगत की,
त्रण जो तोड़ भगावै,
कामिनी कनक जहर कर जानै,
वो शहर अगम पुर जावै,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
जो पतिव्रता पति से राखि,
आन पुरुष ना भावै,
बसे पीहर में सुरत परित में,
यो कोई ध्यान लगावै,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
भाई निन्दा अस्तुति मान बडाई,
मन से मार गिरावै,
अष्ट सिद्धि की अटक ना माने,
वो आगे कदम बढ़ावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
आशा नदी उलट के डाटै,
आडा फन्द लगावै,
भवजल खार समुद्र मे,
फिर बहुर ना खोड़ मिलावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी...
गगन महल गोविन्द गुमानी,
पलक माहे पहुंचावै,
गगन महल गोविन्द गुमानी,
पलक माहे पहुंचावै,
नितानन्द माटी का मन्दिर,
नूर तेज हो जावै,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी...
तन मन शीश ईश अपने पर,
तन मन शीश ईश अपने पर,
पहले मे चोट चढ़ावै,
जब कोई राम भगत ,
गति पावै हो जी,
जब कोई राम भगत,
गति पावै हो जी..
सत् साहेब..
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