उत्तर: यदि पूर्ण मोक्ष चाहते हो जो गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में बताया है कि ‘‘तत्वज्ञान प्राप्ति के पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए जहाँ जाने के पश्चात् साधक लौटकर फिर कभी संसार में जन्म नहीं लेता।’’ तो क्षर पुरुष (ब्रह्म) ‘‘जो संसार रुपी वृक्ष की डार है’’ की पूजा (भक्ति) नहीं करनी चाहिए।
No comments:
Post a Comment