आज से लगभग 600 वर्ष पहले दिल्ली के राजा शिकन्दर लोधी ने मुसलमानो के उस समय के मुख्य पीर शेख़ तकी के इस दबाव में आकर की अगर में शेख तकी की बात नही मानुगा तो ये सभी मुसलमानों को मेरे खिलाफ भड़का देगा सेख ताकि के कहने पर
कबीर परमात्मा को अग्नि में जलाने की कोशिश की ओर सोचा आज तो इसका काम तमाम हो गया बड़ी बड़ी बातें करता था अपने आप को अल्लाह कहता था लेकिन शेख तकी ओर शिकन्दर लोधी ओर उनके कुछ सैनिक कबीर परमात्मा को जलाकर जैसे ही थोड़ी दूर चलते है तो सामने पूर्ण ब्रह्म कबीर परमात्मा को सही सलामत आते हुए देख कर दंग रह जाते है
लेकिन दुख की बात तो ये है कि कुछ लोग इतना कुछ होने के बाद भी जिसने 6 दिन में सारी सृष्टि रच दी और सातवे दिन आराम किया उस पूर्ण ब्रह्म कबीर परमात्मा को सिर्फ एक कवि समझने की भूल कर रहे है ।
कबीर परमात्मा को अग्नि में जलाने की कोशिश की ओर सोचा आज तो इसका काम तमाम हो गया बड़ी बड़ी बातें करता था अपने आप को अल्लाह कहता था लेकिन शेख तकी ओर शिकन्दर लोधी ओर उनके कुछ सैनिक कबीर परमात्मा को जलाकर जैसे ही थोड़ी दूर चलते है तो सामने पूर्ण ब्रह्म कबीर परमात्मा को सही सलामत आते हुए देख कर दंग रह जाते है
लेकिन दुख की बात तो ये है कि कुछ लोग इतना कुछ होने के बाद भी जिसने 6 दिन में सारी सृष्टि रच दी और सातवे दिन आराम किया उस पूर्ण ब्रह्म कबीर परमात्मा को सिर्फ एक कवि समझने की भूल कर रहे है ।