Monday, February 20, 2017
Thursday, February 2, 2017
Audio Video Recording applicaiton
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पिछले दिनों कई लोगो ने फोन पर और फेसबुक पर जानना चाहा कि वो अपने केस में ऑडियो विडिओ रिकॉर्डिंग की एप्पलीकेशन लगा सकते है क्या ?
इसमें अगर किसी तरह की कोई परेशानी आती है तो हमसे सम्पर्क कर सकते है हम काम कर रहे है इस मुद्दे पर, अगर कोई समस्या आती है तो न्याय के सबसे बड़े मंदिर सुप्रीम कोर्ट में सब की तरफ से जॉइंट एप्पलीकेशन लगाने का प्रयास कर सकते है।
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If you confuse / hesitant for putting up Audio Video Recording applicaiton in your case Please consulte Adv.A.P.Singh Ji 9210215708
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हर कोई अदालत में अपने केस की कार्रवाई की ऑडियो विडिओ रिकॉर्डिंग की एप्पलीकेशन लगा सकता है ये आपका अधिकार है।
Tuesday, April 26, 2016
Friday, April 22, 2016
Arya Samaji's Attack on Karontha Ashram in Police Presence on 9/4/2013 - Footage
Thursday, March 24, 2016
Wednesday, March 23, 2016
एक ही मामले में दो कानून अपना रही है भाजपा सरकार
एक ही मामले में दो कानून अपना रही है भाजपा सरकार
-देशद्रोह के समान मामले में अन्य आरोपियों को मिली जमानत, लेकिन बहन राजकला व संत रामपाल को नहीं दी जा रही जमानत
हिसार, 23 मार्च।
सत साहेब इन इंडिया के संयोजन डॉ. रामकुमार सौलंकी ने देशद्रोह के एक जैसे मामलों मेें अलग अलग कानून व पुलिस कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। सौलंकी ने कहा कि जेएनयू के छात्र कैन्हया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वान भट्टाचार्य पर धारा 124ए के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद उन्हें छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी जाती है। इसके अलावा देशद्रोह के आरोप में ही जेल में बंद दिल्ली विवि के पूर्व प्रो. एसएआर गिलानी को जमानत मिल सकती है तो ऐसे ही सतलोक आश्रम प्रकरण में बहन राजकला सहित अन्य बहनों व सैंकड़ों की संख्या में संत रामपाल के अनुयायियों को जमानत क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि इन भक्तों ने न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व देश के खिलाफ नारे लगाए और न ही देशद्रोह से संबंधित किसी अन्य गतिविधि में भाग लिया। ये भक्त तो मात्र संत रामपाल के अनुयायी हैं और बरवाला में मात्र उनके सत्संग में ही गए थे, लेकिन सरकार ने इनपर देशद्रोही की धारा 124ए लगाकर जेल में डाल दिया और उन्हें अभी तक जमानत नहीं दी गई। एक ही देश में एक ही कानून को दो तरीके से क्यों लागू किया जा रहा है। डॉ. सौलंकी ने कहा कि जो सिर्फ सच बोलते हैं, उनके प्रताप से सिंहासन डोल जाते हैं। एक बार सच सुकरात ने बोला था, लेकिन उन्हें जालिमों ने जहर पिला कर मार दिया, वहीं एक सच ईसा मसीह ने बोला था, लेकिन उनके हाथों में भी कीलें ठोककर उन्हें मार दिया। अब ऐसा ही मामला संत रामपाल के साथ हो रहा है और उन्हें सच बोलने की सजा मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सतलोक आश्रम प्रकरण में सभी राजनीतिक पार्टियों के इशारों पर संत रामपाल पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया और अब भी संत रामपाल के मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप किया जा रहा है। यही कारण है कि उनपर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया और उन्हें जमानत भी नहीं दी जा रही। संत रामपाल के भक्त इसे अब ज्यादा देर तक सहन नहीं करेंगे।
डा. रामकुमार सौलंकी
मो. 9255312817