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Tuesday, April 11, 2017
Thursday, December 31, 2015
जब व्यक्ति के जीवन के अंतिम 100 स्वांस बचते हैं उस समय काल के दूत आ जाते हैं। वे केवल उस व्यक्ति विशेष को ही दिखाई देते हैं। about death
जब व्यक्ति के जीवन के अंतिम 100 स्वांस बचते हैं उस समय काल के दूत आ जाते हैं। वे केवल उस व्यक्ति विशेष को ही दिखाई देते हैं। सबसे पहले वे उसकी जुबान बन्द करते है।........फिर उसको इतनी भयंकर रूप आकृतियां दिखाते हैं कि उस व्यक्ति का डर के कारण मल-मूत्र निकल जाता है।(इसी कारण मृतक को नहलाया जाता है).......कई बार व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाता है। अगर उन यमदूतों के भयंकर रूप को देखकर भी कोई आत्मा अपना शरीर नहीं छोड रही हो तब वे उसे भाले मारते है.........तब वो आत्मा शरीर छोड कर भाग लेती है..लेकिन जाएगी कहां तक, यमदूत पकड लेते हैं और ले जाते हैं पीटते हुए चित्रगुप्त के पास। फिर उसके कर्म आधार पर उसे आगे भेज देते हैं। स्वर्ग,नरक, पितरलोक,भूतजूनी,पशु-पक्षि की जूनी में जैसा भी उसका संस्कार होता है।
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कबीर साहिब कहते है-
जाना तो सभी को ही है पर जो भक्ति
करते हैं, उनके जाने में फर्क है।
''एक सिंघासन चढ चले, एक बंधे जाए जंजीर।।''
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जय बन्दी छोड की।
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कबीर साहिब कहते है-
जाना तो सभी को ही है पर जो भक्ति
करते हैं, उनके जाने में फर्क है।
''एक सिंघासन चढ चले, एक बंधे जाए जंजीर।।''
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जय बन्दी छोड की।
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