देखिए भग्तो ये इसे भग्तो के आस्था पे खिलवाड करना सिखाइ थि क्या मालिक ने ?? क्या कोडिनेटोर इस लिए भनाए हे क्या ??? क्या मालिक को येइसे झूट कि आवस्यता हे क्या ? आप कि राय क्या हे जी ??????
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अगर ये पुछने जाए तो फिर आप को गुरु द्रोही बोल्के भग्तो से अलग कर सकते हे ? ध्यान से मालिक कि दया से बिबेक से निर्णय ले (निर्णय लेने के लिए मालिक ने जीव को छूट दि हुइ हे )
जान बुझा साची ताजै करे झूट से नेह,
ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी नादेह
इस रिपोर्ट देखिये भक्तो ये रिपोर्ट गुरुजी की आवाज की जांच की रिपोर्ट बता रहे है।
इस रिपोर्ट के फाईल नम्बर पर कागज की पर्ची लगाकर नम्बर ढक दिया तथा इस रिपोर्ट में गुरुजी का नाम भी नहीं दिया है फर्जी रिपोर्ट भक्तों को/ शिक्षित भक्तों को दिखाकर मूर्ख बना दिया ।
देश के बुद्दिमान शिक्षित नागरिको व् समस्त माता बहनो सहित देश के सभी भाइयो से दो शब्द प्रार्थना स्वरुप कहना चाहता हूँ.....
18 नवम्बर 2014 को हरियाणा के बरवाला काण्ड से आप सभी परिचित होंगे, जिसमे प्रसासन के द्वारा 47 हजार पुलिस फोर्स के इंतजाम के बाद सतलोक आश्रम से संत रामपाल जी महाराज की गिरफदारी हुई थी, वो इसलिए क्योंकि चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने उनपर लगे मुकदमे में कोर्ट में पेश ना होने पर arrest वारंट जारी किया था साथ ही न्यायालय के खिलाफ तीन विवादपस्त पुस्तके ( भ्रस्ट जज कुमार्ग पर, न्यायालय की गिरती गरिमा और सच बनाम झूठ ) छापने के मामले में भी कोर्ट व् प्रसासन ने सख्ती दिखाई थी, आपजी ने तत्कालीन समय मीडिया के माध्य्म से जो भी सुना और देखा उस आधार से आपजी ने संत रामपाल जी महाराज के विषय में जो भी सोचा या सोच रखा है उसमें आप के विचारों का कोई दोष नहीं है, लेकिन वास्तविक सच्चाई कुछ और है जिससे आपजी ही नहीं, अभी तक संत रामपाल जी के शिष्य भी पूरी तरह से वाकिफ नहीं है,
आइये जानते है सच्चाई......
संत रामपाल जी महाराज 20 वर्षो से वसुधैव कुटुम्बकम की वैदिक नीति पर चलते हुये अपने शिष्यों को प्रेम और शांति का पाठ पढ़ाते है, उन्हें शास्त्र अनुकूल भक्ति बताकर उनके मोक्ष का मार्ग प्रसस्त करते है, वे वैसे ही है जैसा वे अपने सत्संगों में हमें बनने को कहते है और लाखों शिष्यो को वैसा बनाया भी, लेकिन बरवाला काण्ड के समय ऐसा क्या हुआ की अचानक उनके शिष्य हाथो में लाठी और पत्थर लेकर हिंसक हो गये, और मरने मारने को उतारू हो गये थे,
आपजी ने बरवाला काण्ड में जो नजारा देखा, जैसे भक्तो के काले कपडे, हाथो में हथियार आदि आदि, दरअसल संत रामपाल जी महाराज जी तो 4 दिनों से स्वयं अंदर बंधक थे, मैनेजमेंट के ही कुछ लोगो ने एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उन्हें बंधक बना के रखा था
आपको बता दे सन 2012 में आश्रम के कुछ ट्रस्टियो के द्वारा RSSS - रास्ट्रीय समाज सेवा सिमिति नाम से एक संगठन खड़ा किया गया और नीचे ही नीचे शुरू हो गई थी एक प्लानिंग, इस प्लानिंग के तहत सिमिति का मकशद केवल आश्रम की संपत्ति को हथियाना था उन्हें गद्दी से हटाकर स्वयं का अधिकार कायम करना थाऔर दुर्भाग्य से इस सिमिति में उनका अपना छोटा भाई महेन्द्र भी शामिल था और वर्तमान में अपना नाम महेन्द्र से मोहन लाल बदलकर पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए छुपता फिर रहा है, और अपने षड्यंत्र के तहत बरवाला काण्ड से पूर्व ही तैयार किये गये सम विचारक paid स्टॉफ के द्वारा आज भी पुरे नेटवर्क को हैंडल कर रहा है, अपनी राजनैतिक पावर व् प्रसासन में मजबूत पकड़ के चलते अभी भी देशद्रोह के केस में वांटेड होने के बावजूद भी सरेआम अपने मंसूबो को अंजाम दे रहा है।
इन्ही लोगो ने भोले भाले भक्तो व् माता बहनो को संत रामपाल जी के आदेश बातकर आश्रम के बाहर ढाल बनाकर खड़ा कर दिया गया और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया, भोले श्रदालु अपने गुरूजी का आदेश समझकर उसकी पालना हेतु अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चो समेत बैठे रहे, लेकिन संत रामपाल जी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई,
जिन तीन पुस्तको को लेकर कोर्ट ने आपत्ति जाहिर की थी वे पुस्तके भी इसी राष्ट्रीय समाज सेवा सिमिति ने लिखी व् छपवाई थी,
गिरफदारी के बादसंत रामपाल जी महाराज जी ने इन सभी बातों का खुलासा सार्वजानिक तौर पर मीडिया के माद्यम से पूरे विश्व के समक्ष किया है, और कहा कि .....
मुझे तो आश्रम में बंधक बना रखा था, मै तो तारीख पर जाना चाहता था और किसी तरह सिमिति के चंगुल से बचकर पंचकूला तक पहुँच गया था लेकिन सिमिति को भनक लगते ही वे लोग मेरी गाडी घेरकर मुझे वापस आश्रम में ले आये और बंधक बना लिया गया
मीडिया के द्वारा सिमिति से सम्बंधित सवाल करने पर संत रामपाल जी ने साफ़ साफ़ कहा है की राष्ट्रीय समाज सेवा सिमिति मेरी नहीं है, और नाही आश्रम के बाहर खड़े लोग (कमांडो) मेरे नही थे.....................................
"संत रामपाल जी महाराज"
नीचे कुछ विडियो आपजी के समक्ष पेश कर रहे है ताकि आपजी को यकीन हो की वास्तव में संत रामपाल जी के साथ घोर षड्यंत्र हुआ है जो उन्ही के मैनेजमेंट के कुछ मनवश लोगो के कारण किया गया, देखे कुछ विडियो
और यदि आप विडियो देखने के बाद इस सच्चाई से सहमत है तो इस मैसेज को आगे शेयर करना ना भूले,
एक दिन आपजी मानेंगे भी की वास्तव में न्यायलय का दोषी संत नहीं बल्कि उनके कुछ अनुयायी है
लोकतंत्र हो या तानाशाही अपना " हक़ लेना ही " पड़ता है।
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पिछले दिनों कई लोगो ने फोन पर और फेसबुक पर जानना चाहा कि वो अपने केस में ऑडियो विडिओ रिकॉर्डिंग की एप्पलीकेशन लगा सकते है क्या ?
Senior Adv.A.P.Singh Ji की राय।
आप अपने केस में अदालत की कार्रवाई की ऑडियो विडिओ रिकॉर्डिंग की एप्पलीकेशन लगा सकते है ये आपका अधिकार है।
ज्यादा से ज्यादा कोर्ट (जज) एप्पलीकेशन को डिसमिस कर देंगे उसके बाद ऊपर जाने का अधिकार है हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार है।
मैं तो कहूँगा " सभी " (Litigants) वादी, प्रतिवादी चाहे कोई भी हो दोनों में से कोई भी पक्ष एप्पलीकेशन मूव कर सकता है कि मेरे केस में ऑडियो विडिओ रिकॉर्डिंग की जाए।
इसमें अगर किसी तरह की कोई परेशानी आती है तो हमसे सम्पर्क कर सकते है हम काम कर रहे है इस मुद्दे पर, अगर कोई समस्या आती है तो न्याय के सबसे बड़े मंदिर सुप्रीम कोर्ट में सब की तरफ से जॉइंट एप्पलीकेशन लगाने का प्रयास कर सकते है।
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If you confuse / hesitant for putting up Audio Video Recording applicaiton in your case Please consulte Adv.A.P.Singh Ji 9210215708
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हर कोई अदालत में अपने केस की कार्रवाई की ऑडियो विडिओ रिकॉर्डिंग की एप्पलीकेशन लगा सकता है ये आपका अधिकार है।
को साँच्चो र को झूटो ? गुरूजी र राष्ट्रिय समाज सेवा सिमित (राससस) का भनाइहरू बीच तुलनात्मक फरक विवरण परमपिता परमात्माः जब तक ना देखे निज नैना, तब तक ना माने गुरू के बैना । गुरूजीः राससस मेरो होइन । रासससः सन्त रामपालजीले झूटो बेल्दैछन्, रासससलार्इ गुरूजीले नै बनाएको हो । गुरूजीः बरवाला काण्डमा आश्रम बाहिर कालो लुगा लगाएका मानिस (गुण्डा) मेरा होइनन् र मैले त्यस्तो गर्ने कुनै आदेश दिएको थिइन । रासससः सन्त रामपालजीको आदेशबाटै हामीले भक्तहरूलार्इ कालो लुगा लगाएर मर्न मार्न तयार पारेका हौं । गुरूजीः आश्रममा भएको ६ जनाको मृत्युका लागि मलार्इ अफसोस (दुःख) लागेको छ । रासससः सन्त रामपालजीले भने अनुसार आश्रममा मरेका ६ जना सत्यलोक गइसके ।
यहाँ सम्मका आदेशहरू हामीले सुनेका, देखेका र भोगेका हौं । अब अरू केही हेरौ ।
रसससः बरवालामा ६० एकर जमिन किन्न २८ करोड भारतीय रूपैया चाहिने भएले संगतहरूसित दान लिन थाल्नु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः भक्तहरूको नाम शुध्दि गराउन र नयाँ भक्तहरूलार्इ नाम दान दिन नामदान केन्द्र खोल भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः गुरूजीको प्रत्येक तारिकमा जानु पर्छ, नाम शुध्र्दि गर्न र सतनाम लिन राजस्थान, पजाब, हरियाणा र दिल्लीबाट ४ तारिक र अन्य ठाउँबाट ३ तारिक आउनु पर्छ भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः हामीले न्याय नपाएकोले तिमीहरू सबैले अत्महत्या गर्नु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः दिल्लीको मुंडकामा बरवालाकै जस्तो शानदार आश्रम खोल भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः हरियाणाको सिंघपुरामा सतलोक आश्रम खोल्नु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः वकिलहरूलार्इ फिस दिन पैसा नपुगेकोले संगतहरूबाट उधारो लिनु, म पछि फर्काइदिन्छु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः सत्संगहरूमा कुनै पनि भोका भक्तहरूलार्इ खाना नखुवाउनु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः पुस्तक सेवा गर्नु र किताबको रू. २० र ३० उठाउनु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः पाठ प्रकाश र ज्योतिको पैसा नामदानमा कोअर्डिनेटरकोमा जम्मा गर्नु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः पाठका लागि रू १,००० र ज्योतिका लागि रू ३०० बढाउने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः कुनै संगतले सुन नलाउनु किनकि सुनमा काल प्रवेश गरिसकेको छ भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः मोहनलालले मेरो अदेशमा परिवर्तन गर्न सक्छ भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः भारतीय जनता पार्टीको रैली भएका ठाउँहरूमा मेरा लागि जमानत वा धरौटीको भीख माँग भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः मैले ट्रस्ट बनाइदिएको छु र अब नामदान लगायत सबै व्यवस्था ट्रस्टले नै सम्हाल्नेछ भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः बैतुल आश्रममा मेरा लागि सिंहासन बनाउनु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः १५ नभेम्बर २०१४ मा बरवाला आश्रमबाट निस्केर जाने भक्तहरूलार्इ सदाका लागि आश्रममा प्रवेश निषेध छ भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः एन्ड्रोइड मोबाइल किन्नु र फेसबुक, ट्वीटर र वाट्सएपमा व्यापक रूपमा छाप्नु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन । रासससः १५ र १६ तारिक नभेम्बर २०१४ मा बरवाला आश्रमबाट निस्केर जाने भक्तहरूको नाम शुध्द नगर्नु भन्ने गुरूजीको आदेश छ । गुरूजीः यस्तो कुनै आदेश दिएको छैन ।
अफसोस्, गुरूजीले आफ्नो मुख कमलबाट तीन कुरा विश्व कै सामु भन्नु भयो र हाम्रो कानले सुन्यौं र अँखाले देख्यौं पनि । ती तीन कुरा हामी नमानेर गुरूजीले विश्व सामु नभन्नुभएका तथा हाम्रो कानले नसुनेका र अँखाले नदेखेका यति धेरै बकवासहरू चाहिँ हामी पत्याइरहेका छौं ।
अब हजुर आफैं निर्णय गर्नुहोस् कि हजुर गुरूजीको तत्वज्ञानका आधारमा निष्पक्ष, निर्भय, निडर, साहासी र साँच्चो भक्त झैं सद्भक्ति मार्गमा हिँड्दै हुनुहुन्छ कि राक्षस स्वभाव धारण गरेका, मनुष्यमा नीच, दूषित कर्म गर्ने मनवश, षडयन्त्रकारी, स्वार्थी र कपटी मेनेजमेन्ट र कोअर्डिनेटरहरू तथा रासससबाट तर्साइएका डरछेरूवा काँतर झैं भक्तिमार्गबाट पछिल्तिर भाग्दै हुनुहुन्छ ? सत् साहिब ।
मे RSSS बता रहे हे कि RSSS सदस्य गुरु जी से नाम नही लिया हुवा भी बन सकते हे. तो कोइ भी RSSS के सदस्य बन सकते हे .--------- गुरु जी बता रहे हे कि RSSS मेरा नही हे ------ जिसने मालिक से नाम उपदेस नही लिए वो मालिक के नही हे -----
नम्बर २
मे RSSS बता रहे हे कि गुरु जी से कोइ दिशा निर्देश नही लेंगे------ तो--- इस से जाहिर होता हे कि RSSS गुरुजीका नही हे
नम्बर ३
मे देखिए कि इस संसार के मालिकको गुरु जी का कोनसि कोन सी कार्य करनी हे, आवोर कोन सि कार्य से मुक्त रहेंगे वो भी इस RSSS ने गुरु जी को बताए दिया इस २ कौडी के जीवके समूहने
अरे भोलि सी दुनिया --------
इस विडियो को पुरा देखे
आप लोगोको पता हे कि इस RSSS ने क्या बताते हुये संगतको RSSS का सदस्य बनाया था
आप लोगो को अभि ये जान्न होगा कि RSSS मे कोन कोन थे आवोर अभि वो लोग क्या कर रहे हे
आवोर अब भी आप RSSS के साथ देंगे कि सत्य कि ये आप हि निर्णय ले
मालिक ने सब को सही या गलत चुनने के लिए आजादी दे रखी है जो मालिक के ज्ञान पर चले मालिकका जो काल कि माने वो काल का
कबिर साहेब बता ते हे कि
सोइ जान मेरा निर खिरका करे निबेरा
सोये हुएको जागाया जा सक्ता हे पर सोये हुये नाटक कर्ने वालोको नही।
जान बुझ साची तजे करे झूट से नेह
ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी न देह / सात साहेब
परमात्मा प्रेरणासे अपनी अंतरात्मा से स्वयं निर्णय कीजिये(गुरुजी का साथ आवोर RSSS का) और फिर आगे कोई कदम उठाये।
****आगे बंदीछोड़ सत गुरुदेव जी की दया **** सत साहेब *******
अगर आपको ये सहि लागे तो जरुर Share केरे
मालिक कि पुण्य आत्माओं के पास ये ज्ञान पहुचाने मे सहयोग दे। …… सात साहेब
अगर बरवाला काण्ड के बाद जब कभी भी मैनेजमेंट से यह पूछा जाता था की जिन 5 6 भगत आत्माओं की मौतें हुई उन्होंने कौनसी गलती करके मालिक की मर्यादा तोड़ी थी जो उनकी अकाल मृत्यु हुई।
तो मैनेजमेंट का जवाब आता था की यह मालिक की लीला थी , इन सभी भक्तों ने सेवा करते हुए शरीर छोड़ा था इसलिए सभी पुण्य कमाकर सतलोकवासी हो गए। और फिर दूसरी तरफ इन्होंने यह भी कहा की इस काण्ड में तो कई हजारों मौतें होनी थी जो की मालिक ने लीला करके टाल दी।
तो इससे यहाँ भी दोगलेपनका पता लगता है।
इनके अनुसार तो वो 6 भगत आत्माएं अकाल मृत्यु से भी सतलोक चली गई क्योंकि उनकी मृत्यु मालिक की सेवा के दौरान हुई थी।
लेकिन यहाँ प्रश्न यह उठता है की यदि सेवा करते हुए अकाल मृत्यु होने पर भी सतलोक जाया जा सकता था तो फिर मालिक ने आश्रम में मौजूद कई हजारों भक्तों की होने वाली मृत्यु को क्यों टाल दिया, मालिक तो उसी वक़्त हजारों लाखों भक्तों को एक ही झटके में सतलोक ले जा सकते थे फिर परमात्मा ने यह लीला क्यों टाली।
हमें सतलोक ले जाने के लिये ही तो मालिक इस मृतलोक में इतने कष्ट सहन कर रहे हैं और हमने भी सारा समाज सतलोक जाने के लिए ही छोड़ा है।
क्या मालिक को केवल उन्हीं 6 भक्तों से विशेष प्रेम था जो मालिक सिर्फ उन्हीं को शरीर छुड़वाकर सतलोक ले गये। मालिक उन 6 भक्तात्माओ की तरह पूरे मैनेजमेंट को भी शरीर छुड़वाकर हजारों लाखों भक्तों के साथ उसी वक़्त सतलोक ले जा सकते थे। फिर क्यों सारे मैनेजमेंट ने पुलिस के डंडे के डर से भागकर आश्रम में घुसकर क्यों मेन गेट बन्द कर लिया था। मैनेजमेंट ने सतलोक जाने का ऐसा सुनहरा अवसर हाथ से क्यों जाने दिया।
नीचे अपनी आँखों से परमात्मा ने बरवाला काण्ड के दोषियों के सीधे सीधे शब्दों में नाम तक बोल रखे है और कहा है कि एक दिन देख लेना मेरा कसूर नहीं निकलेगा, इन लोगो ने मेरा बना बनाया आशियाना उजाड़ दिया है,
इसके अलावा सतगुरु देव जी ने ( रिमांड के दौरान पुलिस डिस्क्लोजर में कहा है ) पुलिस के सवाल के एक जवाब में यह भी कहा कि आश्रम में जितने भी गलत काम हुआ करते थे और हुये है उन सब के जिम्मेदार वे सेवादार और सिमिति आले है, देखिये नीचे डिस्क्लोजर रिपोर्ट
बरवाला काण्ड के समय राजकपूर ढाका ने तो मीडिया में सरेआम, यहाँ तक अपना बयान दे दिया था कि यदि संत रामपाल जी महाराज 17 तारीख को खुद कोर्ट जाना चाहे तो भी हम उन्हें नहीं जाने देंगे, देखिये नीचे
(RSSS के संबिधान के पॉइंट नंबर 12 को सही साबित करते हुऐ)
राजकपूर का बयान व् rsss का पॉइंट नंबर 12, जिसमे साफ़ साफ़ कहा गया है कि "राष्ट्रीय समाज सेवा सिमिति संत रामपाल जी महाराज से कोई दिशा निर्देश नहीं लेगी।
यहाँ संगत को स्वयं विचार करना होगा की राजकपूर के इस बयान ने व् rsss के पॉइंट नंबर 12 ने यह साबित कर दिया है की बरवाला काण्ड में किस कदर इन लोगो ने मनमाने आदेश पारित कर कर के भोली आत्माओ को काल भगवान् के मुँह ने डाल दिया था, और आज कोर्ट में भी बेशर्मो की तरह, बरवाला काण्ड के समय मीडिया को चीख चीख कर दिए बयानों से मुँह फेरते हुये बरवाला काण्ड का सारा का सारा दोष सतगुरु देव जी पर ही डाल दिया है और उन्हें झूठा साबित करने की पुर जोर कोशिश की है कि
"महिलाओं व् बच्चो को ढाल बनाने के आदेश हमें संत रामपाल जी महाराज ने नही दिए थे,
मालिक को झुट बोल्ने कि आरोप लगा रहे हे ये RSSS वाले (राजकुमार, पुरसोतम बलजित )
देखे नीचे।।।।।।।।।।।
पुण्यात्माओं आज यदि आपने अपनी आखो से नीचे राजकपूर का वीडियो और गुरूजी द्वारा सीधे शब्दो में लीये गए बरवाला कांड के दोषियों के नाम पढ़कर भी आँखे नहीं खोली तो यही समझा जायेगा की, आप झूटके साथ दे रहे हे मालिक बताते हे कि
" सच कहु तो जग ना माने झूट कहि ना जहि हों "
जान बुझ साची तजे करे झूट से नेह
ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी न देह।
"सोइ जान मेरा निर खिरका करे निबेरा"
यदि अभी भी आँखे नहीं खोली और इस Rsss के घोर पाखंड से सचेत नहीं हुए तो उस भक्त आत्मा के साथ क्या बनेगी ये तो परमेश्वर ही जानते है,
आज इतने ढेरो सबूत देखकर व् सच्चाई सुनकर भी यदि किसी भक्त आत्मा ने अपनी आँखे नहीं खोली, और यदि वह फिर भी यह कहता है कि मुझे सतगुरु देव जी से प्रेम है तो समझो उसका प्रेम झूठा है,
उसे आज चिंता अपने पिताजी की नहीं बल्कि अपने नाम और झूठी शानो शौकत की है कि कही संगत में मेरा नाम बदनाम ना हो जाए, हमारी असली इज्जत, हमारा नाम, हमारी शानो शौकत, हमारा ऐश्वर्य, हमारा धन, हमारा असली समाज कुल परिवार भाई बंधू सखा, सब हमारे सतगुरु देव जी है,
और सारे सबूत आखो देखने के बाद भी की जिन भक्त कहलाने वाले गद्दारो ने हमसे हमारी इज्जत छीन ली है उसके बाद भी यदि हम उनका साथ दे रहे है तो समझ लेना पुण्यात्माओं हम अपने परम पिता से उन गद्दारो से भी बढ़कर गद्दारी कर रहे है।
जिन्होंने बरवाला काण्ड में साक्षात् उस परमात्मा के आश्रम में रहते सहते उनके साथ इतना बड़ा विस्वासघात कर डाला और उनके आदेशो के नाम और पूरे भक्त समाज को गुमराह कर डाला, आज तक उन्हें अपने कीये पर जरा भी शर्म नहीं है बल्कि उससे भी बढ़चढ़ कर संगत को काल भगवान् के मुँह में ले जाने का काम बरवाला काण्ड की तरह उसी परमात्मा के आदेश बताकर कर रहे है, औ फिर भी हम बेफिक्र होकर उनकी हां में हां मिला रहे है तो समझो हम कहने को तो हंस है लेकिन कर्म अभी भी बगुले के ही है,
क्योंकि हंस आत्मा अपनी पिता के ज्ञान आधार से चलती व् निर्णय लेती है।
हम सेवक अपने पिताजी की शिक्षाओं पर चलते हुये अपने कर्म से विचलित नहीं हो सकते है अर्थात सेवक का कर्म इस समय संगत को सच्चाई बताना है, जो हम कर रहे है और परमात्मा की रजा से आगे भी करते रहेंगे। परमात्मा ने भारत वर्ष के कोने कोने में अपने सेवक खड़े कर दिये है, और Rsss की हर एक साजिश व् चाल की खबर रखते है।
भक्तो को तारीखों पर इकठ्ठा करके प्रशासन व् न्यायपालिका को भड़काना जगह जगह रैली व् धरने प्रदर्शन करके सरकार में रोष पैदा करना व् भक्त समाज की छवि को धूमिल करना। जगह जगह सत्संग करके चन्दा जमा करना व् भक्त समाज को निंदा रुपी गीत सुनाकर ईर्ष्या पैदा करना।
तत्त्वज्ञान हीन AP सिंह जैसे किराये के वकीलों से, परमात्मा के तत्त्वज्ञान से सराबोर भक्त समाज में ज्ञान विरुद जोश भरना, वकीलों की झूठी व् थोथी कहानियां बनाकर की हमने टॉप वकील कर रखे है उनकी फ़ीस के नाम पर भोले भक्त समाज को लूटना, भोले भक्त समाज को वास्तविकता से दूर रखकर केवल एक पक्षीय आधार से मोहन लाल के आदेशो को गुरूजी के आदेश बताकर फैसले लेने के दबाव डालना ।
ये वकील मैनेजमेंट ने गुरूजी की जमानत के लिए नहीं बल्कि RSSS के बचाव के लिए कर रखे है।
इस लिंकपे click करे AP SHING के बारे मे जनने लिये ........AP Singh
क्योंकि गुरूजी की जमानत तभी संभव है जब RSSS अपनी गलती स्वीकार करते हुए कोर्ट में यह बयान दे की हमने ही संत रामपाल जी महाराज जी को तारीख पर जाने से रोका था। जैसा की नीचे वीडियो में राजकपूर कहा रहा है।
जब भी बरवाला काण्ड के दोषी, महेंद्र, बलजीत, रामकुमार ढाका, राजकपूर, राजेंद्र, बलवान जाखड़ व् अन्यो का कोई नाम भी लेता था तो तुरंत संगत को गुमराह करने की दृष्टि से Rsss की तरफ से एक मैसेज डाल दिया जाता था, जिनमे सतगुरु देव जी का हवाला देकर लिखा जाता था कि
"ये सब खेल हमारे किये - हमसे मिले सो निश्चय जीये"
इसके बाद भक्त बहन भाई अपनी बुध्दि पर जोर देकर सोचना ही बंद कर दिया करते थे. की ये सब मालिक की ही लीला है, लेकिन देखिये यदि ये ऐसा नहीं करते है तो इन्हें दान चंदा व् इनके इशारों पर चलने वाली संगत स्वयं अपने पैर पर कुल्हाड़ी चला रही है।
अंत में सभी भगतो की तरफ से पुनः अपने भक्त भाई बहनों से करबद्ध प्रार्थना है कि हमें सतगुरु देव जी ने यह तत्त्वज्ञान देकर आखो पर पट्टी बांधकर तमाशा देखने के लिए नहीं, बल्कि इस विशेष समय में उस तत्त्वज्ञान को आधार बनाकर अर्थात उसकी रौशनी में अपने पराये को समझकर व् कोई निर्णायक फैसले लेने के लिए दिया था,
आज कोन इस तत्त्वज्ञान का use और कौन misuse कर रहा है
परमात्मा प्रेरणासे अपनी अंतरात्मा से स्वयं निर्णय कीजिये और फिर आगे कोई कदम उठाये।
अगर आपको ये सहि लागे तो
जरुर Share केरे मालिक कि पुण्य आत्माओं के पास ये ज्ञान पहुचाने मे सहयोग दे। ……
सात साहेब
हत्या काण्ड, निर्भया रेप काण्ड, छोटा काण्ड, बड़ा काण्ड, महा काण्ड, करौथा काण्ड,
"करोंथा काण्ड और बरवाला काण्ड"
काण्ड शब्द अपने आपमें बड़ा भयानक है जो जीव आत्मा में डर पैदा करता है और और काण्ड में केवल विनाश होता है, काण्ड से कभी भी शांति स्थापना नहीं की जा सकती है, कांड केवल विनाश करवाता है जैसे रामायण और महाभारत में हुआ, काण्ड शब्द शरीर में कंपन उत्पन्न करता है, जब भी बरवाला काण्ड का भयानक दृश्य आखो के सामने आता है तो रोंगटे खड़े हो जाते है कि भगवान् ऐसा दृश्य कभी स्वपन में भी ना आये,
लीला उसे कहते है जब गुरूजी साक्षात् परमात्मा होते हुये, बातो ही बातो में अपने आपको छुपा जाते है की मै तो कबीर परमात्मा का दास हु
लीला उसे कहते है जब हम दर्शनों के समय मालिक के आगे अपना दुखड़ा रोया करते थे और सामने साक्षात् परमात्मा होते हुये, अपने आप को छुपाते हुये कहते थे की परमात्मा सब ठीक करेंगे।
लीला लीला में परमात्मा ने हमें साबित कर दिया की वो धानक मै ही हूँ,
लीला लीला में परमात्मा ने अपने लाखो बच्चो का असहनीय और लाइलाज रोगों को दूर कर दिया।
लीला लीला में परमात्मा कोढ़ी को काया, निर्धन को माया और बाँझ को कब पुत्र दे दिया समझ में ही नहीं आया,
लीला लीला में परमात्मा ने अपनी प्यारी आत्माओ का ध्यान कब संसार से हटाकर अपने चरणों में लगा दिया पता ही नहीं चला,
लीला लीला में परमात्मा ने लोगो की कथनी और करनी में अंतर समझा दिया, हमें लाल और लालड़ी की पहचान करवा दी,
परमात्मा केवल ज्ञान आधार से अपनी लीला करते है और शांति की स्थापना करते है,
"परमात्मा केवल लीला किया करते है"
"और काल भगवान् काण्ड ही किया करते है"
अभी तक हमें काण्ड और लीला में ही अंतर करना नहीं आया, Rsss जगत को कहता है कि बरवाला काण्ड हुआ है और भक्त को कहता है कि मालिक की लीला चल रही है, कहा तक सत्य है स्वयं विचार कर लीजिये।
सत साहेब
जानिये काण्ड किसे कहते है और लीला किसे कहते है, परमात्मा के ज्ञान आधार से,
हत्या काण्ड, निर्भया रेप काण्ड, छोटा काण्ड, बड़ा काण्ड, महा काण्ड
"करोंथा काण्ड और बरवाला काण्ड"
काण्ड शब्द अपने आपमें बड़ा भयानक है जो जीव आत्मा में डर पैदा करता है और और काण्ड में केवल विनाश होता है, काण्ड से कभी भी शांति स्थापना नहीं की जा सकती है, कांड केवल विनाश करवाता है जैसे रामायण और महाभारत में हुआ, काण्ड शब्द शरीर में कंपन उत्पन्न करता है, जब भी बरवाला काण्ड का भयानक दृश्य आखो के सामने आता है तो रोंगटे खड़े हो जाते है कि भगवान् ऐसा दृश्य कभी स्वपन में भी ना आये,
लीला उसे कहते है जब गुरूजी साक्षात् परमात्मा होते हुये, बातो ही बातो में अपने आपको छुपा जाते है की मै तो कबीर परमात्मा का दास हु
लीला उसे कहते है जब हम दर्शनों के समय मालिक के आगे अपना दुखड़ा रोया करते थे और सामने साक्षात् परमात्मा होते हुये, अपने आप को छुपाते हुये कहते थे की परमात्मा सब ठीक करेंगे।
लीला लीला में परमात्मा ने हमें साबित कर दिया की वो धानक मै ही हूँ,
लीला लीला में परमात्मा ने अपने लाखो बच्चो का असहनीय और लाइलाज रोगों को दूर कर दिया।
लीला लीला में परमात्मा कोढ़ी को काया, निर्धन को माया और बाँझ को कब पुत्र दे दिया समझ में ही नहीं आया,
लीला लीला में परमात्मा ने अपनी प्यारी आत्माओ का ध्यान कब संसार से हटाकर अपने चरणों में लगा दिया पता ही नहीं चला,
लीला लीला में परमात्मा ने लोगो की कथनी और करनी में अंतर समझा दिया, हमें लाल और लालड़ी की पहचान करवा दी,
परमात्मा केवल ज्ञान आधार से अपनी लीला करते है और शांति की स्थापना करते है,
"परमात्मा केवल लीला किया करते है"
"और काल भगवान् काण्ड ही किया करते है"
अभी तक हमें काण्ड और लीला में ही अंतर करना नहीं आया, Rsss जगत को कहता है कि बरवाला काण्ड हुआ है और भक्त को कहता है कि मालिक की लीला चल रही है, कहा तक सत्य है स्वयं विचार कर लीजिये।
ढाका बाता रहे हे कि गुरु जी को जाने नही देंगे अवोर गुरु बता रहे हे कि मे तो कोर्ट जाना चाहता था पर मेरे को रोक रखा था (न्युज मे )
कबिर साहेब कहते हे कि कहे कबिर सोहि जान मेरा, निर खिर का करे निबेरा.................
मालिक के पुण्य आत्माओ अब मालिक के कृपा अवोर मालिक के ज्ञान से आपको खुद निर्णय लेनि होगी ................................
आपने आखा खोलो भगतो हमारे गुरु जी झूठ नही बोल्ते जी
प्रदर्शित चित्र में बायीं तरफ बंदी छोड़ सत गुरुदेव जी द्वारा रचित परम पवित्र सद ग्रन्थ ज्ञान गंगा पुराने कि पृष्ठ 149 का चित्र तथा उसी के ठीक दाईं ओर वर्तमान में छपी ज्ञान गंगा नई पुस्तक के पृष्ठ 149 की फोटो है जिसमें कुछ शब्द और बड़ा दिए हैं जो निश्चित रूप से सद ग्रन्थ ज्ञान गंगा में मिलावट का प्रत्यक्ष परिचायक है |
अवोर कोइ कोइ भगत लोग बोलते हे कि Nostradamus के भविष्य बानिमे लिखा होगा एइसा ? ……. अब नीचे उन का भी हिन्दि अनुवाद देखियेगा । …। (you can also try to translate from google translator) (इन्मे सोचने कि बिसय ये हे कि इनोने भगत लोगो को मुर्ख बनने के लिए / भगत लोगो को भरम मे राखने के लिए ये किया …)
पर अब तो जागो भगत लोग अब तो आखे खोलो। ………
अभि तक तो इन्का हात हिन्दि बुकमे हि पढा हे नेपाली अंग्रेजी बुक मे नही
जैसा कि विदित है कि कालान्तर से आज तक नकली कबीर पन्थो द्वारा कबीर सागर (सूक्ष्म वेद) में अपने ही अनुसार मिलावट की गई है,, ठीक इसी प्रकार पवित्र ज्ञान गंगा में मिलावट किया है. जो कि गुरुमर्यादा तथा सत भगती करने वाले भगत समाज के हिसाब से निंदनीय कृत्य है |
बंदी छोड़ की प्रेरणा और मालिक कि ज्ञानसे आप जीको खुद निर्णय लेना है |
****आगे बंदीछोड़ सत गुरुदेव जी की दया ****
सत साहेब
नीचे नेपाली अवोर अंग्रेजी पुस्तक मे मिलावट नही किया हे।
Nostradamus के भविष्य बानिका अनुवाद
अगर आपको समझ नही आरही हे तो मालिक बताते हे कि अपने अन्तर आत्मा से मालिक कोहि पुकारे अवोर मालिक से हि अर्जी करे मालिक अन्तर आत्मा कि पुकार सुनते हे
कबिर साहेब बता ते हे कि सोइ जान मेरा निर खिरका करे निबेरा जान बुझ साची तजे करे झूट से नेह ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी न देह / सात साहेब सोये हुएको जागाया जा सक्ता हे पर सोये हुये नाटक कर्ने वालोको नही। बंदी छोड़ की प्रेरणा और मालिक कि ज्ञानसे आप जीको खुद निर्णय लेना है | ****आगे बंदीछोड़ सत गुरुदेव जी की दया **** सत साहेब अगर आपको ये सहि लागे तो जरुर Share केरे मालिक कि पुण्य आत्माओं के पास ये ज्ञान पहुचाने मे सहयोग दे। …… सात साहेब
प्रदर्शित चित्र में बायीं तरफ बंदी छोड़ सत गुरुदेव जी द्वारा रचित परम पवित्र सद ग्रन्थ ज्ञान गंगा पुराने कि पृष्ठ 149 का चित्र तथा उसी के ठीक दाईं ओर वर्तमान में छपी ज्ञान गंगा नई पुस्तक के पृष्ठ 149 की फोटो है जिसमें कुछ शब्द और बड़ा दिए हैं जो निश्चित रूप से सद ग्रन्थ ज्ञान गंगा में मिलावट का प्रत्यक्ष परिचायक है |
अवोर कोइ कोइ भगत लोग बोलते हे कि Nostradamus के भविष्य बानिमे लिखा होगा एइसा ? ……. अब नीचे उन का भी हिन्दि अनुवाद देखियेगा । …। (you can also try to translate from google translator) (इन्मे सोचने कि बिसय ये हे कि इनोने भगत लोगो को मुर्ख बनने के लिए / भगत लोगो को भरम मे राखने के लिए ये किया …)
पर अब तो जागो भगत लोग अब तो आखे खोलो। ………
अभि तक तो इन्का हात हिन्दि बुकमे हि पढा हे नेपाली अंग्रेजी बुक मे नही
जैसा कि विदित है कि कालान्तर से आज तक नकली कबीर पन्थो द्वारा कबीर सागर (सूक्ष्म वेद) में अपने ही अनुसार मिलावट की गई है,, ठीक इसी प्रकार पवित्र ज्ञान गंगा में मिलावट किया है. जो कि गुरुमर्यादा तथा सत भगती करने वाले भगत समाज के हिसाब से निंदनीय कृत्य है |
बंदी छोड़ की प्रेरणा और मालिक कि ज्ञानसे आप जीको खुद निर्णय लेना है |
****आगे बंदीछोड़ सत गुरुदेव जी की दया ****
सत साहेब
नीचे नेपाली अवोर अंग्रेजी पुस्तक मे मिलावट नही किया हे।
Nostradamus के भविष्य बानिका अनुवाद
अगर आपको समझ नही आरही हे तो मालिक बताते हे कि अपने अन्तर आत्मा से मालिक कोहि पुकारे अवोर मालिक से हि अर्जी करे मालिक अन्तर आत्मा कि पुकार सुनते हे
कबिर साहेब बता ते हे कि सोइ जान मेरा निर खिरका करे निबेरा जान बुझ साची तजे करे झूट से नेह ताकी संगति हे प्रभु स्वपन मे भी न देह / सात साहेब सोये हुएको जागाया जा सक्ता हे पर सोये हुये नाटक कर्ने वालोको नही। बंदी छोड़ की प्रेरणा और मालिक कि ज्ञानसे आप जीको खुद निर्णय लेना है | ****आगे बंदीछोड़ सत गुरुदेव जी की दया **** सत साहेब अगर आपको ये सहि लागे तो जरुर Share केरे मालिक कि पुण्य आत्माओं के पास ये ज्ञान पहुचाने मे सहयोग दे। …… सात साहेब