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Friday, August 11, 2017

सोना सज्जन साधू जन , टूट जुड़े सौ बार |

सोना सज्जन साधू जन , टूट जुड़े सौ बार |
दुर्जन कुम्भ कुम्हार के , एइके ढाका दरार ||
अर्थ : सोने को अगर सौ बार भी तोड़ा जाए, तो भी उसे फिर जोड़ा जा सकता है। इसी तरह भले मनुष्य हर अवस्था में भले ही रहते हैं। इसके विपरीत बुरे या दुष्ट लोग कुम्हार के घड़े की तरह होते हैं जो एक बार टूटने पर दुबारा कभी नहीं जुड़ता।

sona sajjan sadhu jan, tut jude sau bar 
durjan kumbha kumhar ke, eaike dhakaa daraar

if the Gold and Good people(sadhu) break down hundread times then also they willl togather. but to bad people and mud items in a one heat they can break for foreever 


अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप

अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप,
अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।

अर्थ : न तो अधिक बोलना अच्छा है, न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है. जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छी नहीं और बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं है.

Ati kaa bhalaa na bolna, Ati ki bhali na chup.
Ati ka bhala na barasna, ati ki bhali na dhup.

Translation: its not good to speak more than limit, its not good to be quite more than limit. its not good to rain more then limit, its not good to sunshine more than limit (kabir saheb)