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Wednesday, April 5, 2017

ॐ बाट के प्राप्त हुन्छ जान्नु होस्

यजुर्वेद अध्याय40 मन्त्र15 मा भनेको छ कि ॐ' नाम को जाप काम गर्दै स्मरण गर , बिशेष कसक का साथ स्मरण गर तथा मनुष्य जन्म को मुल कर्तव्य जानेर स्मरण गर ।

श्री मद्भगवत गीता अध्याय 8 श्लोक 13 मा गीता ज्ञान दाता प्रभु ले भन्नुभएको छ कि:- ॐ इति एकाक्षरम ब्रहा व्यवहारन माम अनुस्मरण य: प्रयाती तजन देहम स: याती परमाम गतिम।।।अर्थात :म ब्रम्ह को ॐ यो एक अक्षर हो , उच्चारण गरि स्मरण गर्दै जो शरीर त्यागेर जान्छ , त्यो ॐ को जाप बाट प्राप्त हुने परमगती यानी ब्रम्हलोक( माहास्वर्ग ) मा जान्छ।

श्री मद्भगवत गीता अध्याय 8 श्लोक 16 मा भनिएको छ कि ब्रम्हलोक प्रयन्त सर्व लोक पुनारावर्ती मै छ अर्थात ब्रम्हलोक ( माहास्वर्ग) मा गएका साधक( भक्त) पनि फेरि फर्केर संसार मै आउँछ, उनको जन्म मरण सदा भइ नै रहन्छ ।ब्रम्ह लोक प्राप्ती पुर्ण मुक्ती होईन ।


Monday, March 6, 2017

भस्मासुरके कारण भगवान ‍शंकर की जान संकट में !


शंकरजी भगवान होते हुए भी अपनी जान नहीं बचा पाए ! तो अपने पूजा करने वाले लोगों की जान कैसे बचाएंगे !
.
:------ भस्मासुर
के कारण भगवान ‍शंकर की जान संकट में आ गई थी।
हालांकि भस्मासुर का नाम कुछ और था लेकिन भस्म


करने का वरदान प्राप्त करने के कारण उसका नाम
भस्मासुर पड़ गया।
भस्मासुर एक महापापी असुर था। उसने अपनी शक्ति
बढ़ाने के लिए भगवान शंकर की घोर तपस्या की और
उनसे अमर होने का वरदान मांगा, लेकिन भगवान शंकर
ने कहा कि तुम कुछ और मांग लो तब भस्मासुर ने
वरदान मांगा कि मैं जिसके भी सिर पर हाथ रखूं वह
भस्म हो जाए। भगवान शंकर ने कहा- तथास्तु।
.
भस्मासुर ने इस वरदान के मिलते ही कहा, भगवन् क्यों
न इस वरदान की शक्ति को परख लिया जाए। तब वह
स्वयं शिवजी के सिर पर हाथ रखने के लिए दौड़ा।
शिवजी भी वहां से भागे गए।
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भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शंकर वहां से भाग गए। उनके पीछे भस्मासुर भी भागने लगा। भागते-भागते शिवजी एक पहाड़ी के पास रुके और फिर उन्होंने इस पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। 
बाद में विष्णुजी ने आकर उनकी जान बचाई। विष्णुजी ने एक सुन्दर स्त्री का रूप धारण कर भस्मासुर को आकर्षित किया। भस्मासुर शिव को भूलकर उस सुंदर स्त्री के मोहपाश में बंध गया। मोहिनी स्त्रीरूपी विष्णु ने भस्मासुर को खुद के साथ नृत्य करने के लिए प्रेरित किया। भस्मासुर ही मान गया। नृत्य करते समय भस्मासुर मोहिनी की ही तरह नृत्यकरने लगा और उचित मौका देखकर विष्णुजी ने अपनेसिर पर हाथ रखा। शक्ति और काम के नशे में चूर भस्मासुर ने जिसकी नकल की और भस्मासुर अपने ही प्राप्त वरदान से भस्म हो गया।
👆🙏🏻

Sunday, May 8, 2016

Om Namah Shivaya - ॐ नमः शिवाय

Om Namah Shivaya - ॐ नमः शिवाय

Om Namah Shivaya (Aum Namah Shivaya) is a Mantra highly prevalent in Hinduism. It is considered to be a mantra of Lord Shiva (Siva) the destroyer among the Trimurti's (Brahma, Vishnu, Shiva)

Panchakshara / Panchakshari Mantra or the Five Syllable Mantra

Shiv Puran (A Holy text of Hinduism) gives the description of the Panchakshara / Panchakshari mantra in great detail. In there it is described that the "Om"(ॐ) Mantra is made of five syllables and is in reality the actual "Panchakshara / Panchakshari" mantra. Shiv Puran describes that the "Om"(ॐ) Mantra is made of five sounds is thus the actual Panchakshara / Panchakshari Mantra whereas translators of Shiv Puran have adulterated the mantra while doing the translations and have added "Om Namah Shivaya" (ॐ नमः शिवाय) on their own. In reality "Om Namah Shivaya" (ॐ नमः शिवाय) is not the Panchakshara / Panchakshari Mantra and is indeed self made and arbitrary.

"Om" (ॐ) or the Panchakshara / Panchakshari Mantra in Shiv Puran

Om Namah Shivaya (Aum Namah Shivaya) is a Mantra highly prevalent in Hinduism. It is considered to be a mantra of Lord Shiva (Siva) the destroyer among the Trimurti's (Brahma, Vishnu, Shiva) Panchakshara / Panchakshari Mantra or the Five Syllable Mantra

Shiv Puran (A Holy text of Hinduism) gives the description of the Panchakshara / Panchakshari mantra in great detail. In there it is described that the "Om"(ॐ) Mantra is made of five syllables and is in reality the actual "Panchakshara / Panchakshari" mantra. Shiv Puran describes that the "Om"(ॐ) Mantra is made of five sounds is thus the actual Panchakshara / Panchakshari Mantra whereas translators of Shiv Puran have adulterated the mantra while doing the translations and have added "Om Namah Shivaya" (ॐ नमः शिवाय) on their own. In reality "Om Namah Shivaya" (ॐ नमः शिवाय) is not the Panchakshara / Panchakshari Mantra and is indeed self made and arbitrary.
"Om" (ॐ) or the Panchakshara / Panchakshari Mantra in Shiv Puran