Tuesday, December 29, 2015

तूलसी पिछले पाप से हरि चर्चा ना भावे।

तूलसी पिछले पाप से हरि चर्चा ना भावे।
के उघ ,के उठ चल,के और बात बनाव।।
तूलसी पिछले पाप से हरि चर्चा ना भावे।
जैसे ज्वर के वेग से भूख विदा हो जावै।।

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