Monday, December 28, 2015

झुमकरा, jhumkara



नाभी कमल मेँ पेठिये रे झुमकरा, चल बँकनाल के घाट

सुनो राय झुमकरा !
इला पिँगला फेरिये रे झुमकरा , ऊतरो औघट घाट सुनो राय झुमकरा !
शुषमन सुरत लगाइये रे झुमकरा, वो खोलो बज्र कपाट सुनो राय
झुमकरा !
काया नगरी जद बसे राय झुमकरा , जद घर आवे आठ
सुनो राय झुमकरा ! द्वादश बँध लगाइये राय झुमकरा जहाँ कोटि कला
शशी भान सुनो राय झुमकरा ! जहाँ दोना मरुआ फूल ह
राय झुमकरा, सूरजमुखी सुभान सुनो राय झुमकरा !
सुरत निरत दो हँसनी राय झुमकरा , अनभय मालन
ऊतरी राय झुमकरा, फूलन शेज बिछाइ सुनो राय झुमकरा
, छत्र सिँहासन शवेत है रे झुमकरा, पलकोँ चोरा डुराइ सूनो राय
झुमकरा , अरस देवँग ना गावही र झुमकरा बिन पग का
जहाँ पँथ है रे झुमकरा , मकरतार की डोर सुनो राय
झुमकरा !
ओर कहुँ कुछ और है रे झुमकरा बिन देही का देव
सुनो राय झुमकरा !
स्वर्ग रसातल मेँ बसे र झुमकरा जाकी करले सेव सुनो
राय झुमकरा ,
तीन चरण चिँतामणी रे झुमकरा गर्दन,
गरीब मरोर सुनो राय झुमकरा !
सकल भेद तोसे कहुँ रे झुमकरा,तुम सुणियो शब्द सँदेश सुनो राय
झुमकरा !
इन नेना दिखलाइये रे झुमकरा, केसा है वो देश सुनो राय झुमकरा !
पल नीचे पल ऊपरे रे झुमकरा, तामद नरक निहार सुनो
राय झुमकरा, अजर नजर आवे नहीँ रे झुमकरा.खेले
अधर अधार सुनो रे झुमकरा !
स्वर्ग रसातल भिन सुनो रे झुमकरा, त्रिकुटि छाजे बेठ के रे झुमकरा,
वो देखो रामरतन सुनो राय झुमकरा !
सनकादिक नारद रटे रे झुमकरा ,ये रटे ब्रह्मा, विष्णु, महेश सुनो
राय झुमकरा !
सहँश फुना मुख गावही रे झुमकरा, ये ध्यान धरत है
शेष सुनो राय झुमकरा !
नेनोँ ही मे नेन रख रे झुमकरा !
दास गरीब अतोल ह रे झुमकरा, अवगत पुरुष अलेख
सुनो राय झुमकरा !
अधर समाधी लाइये रे झुमकरा अधर देख दिदार सुनो राय
झुमकरा !
अधर राग रँग होत है रे झुमकरा अधर रास विलास सुनो राय झुभकरा,
अधर स्वर साहेब धणी रे झुमकरा —

No comments:

Post a Comment