Tuesday, February 23, 2016

कबीर करता आप है, दुजा ना कोई !

कबीर करता आप है, दुजा ना कोई !
दादू पुरन जगत को, भक्ति दृढांवत सोय !!
ठेका पुरन होय जब, सब कोई तजै शरीर !
दादू काल गंजे नही, जपै जो नाम कबीर !!
आदमी की आयु घटै, तब यम घेरे आये !
सुमिरन किया कबीर का, दादू लिया बचाय !!
सुन सुन साखी कबीर की, काल नवाबे माथ !
धन्य धन्य हो तीन लोक मै, दादू जोडे हाथ !!
केहरी नाम कबीर का, विषम काल गज राज !
दादू भजन प्रतापते, भागे सुनत आवाज !!
अब ही तेरी सब मिटै, जन्म मरन की पीर !
स्वास उस्वास सुमिरले, दादू नाम कबीर !!
कोई सर्गुण मै रिझ रहा, कोई निर्गुण ठहराय !
दादू गति कबीर की, मोके कही न जाये !!
जय हो बंदी छोड़ की !!
सतसाहेब जी !!!
जय हो कबीर परमेश्वर जी की...

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