Tuesday, March 22, 2016

Truth Behind Satlok Ashram Barwala Episode 18-11-2014 (बरवाला काण्ड की सच्चाई)


(बरवाला काण्ड की सच्चाई)
18 नवम्बर 2014 का वो काला दिन जिसने भारत ही नहीं पूरे विश्व को सोचने पर मजबूर कर दिया कि भारत जिसको संतों कि भूमि कहा जाता है, उस देश में एक संत को बीमारी कि हालत में गिरफ्तार करने के लिए लगभग 40,000 पुलिस फ़ोर्स (जिसमें CRPF, RAF, NSG, चंडीगढ़ पुलिस एवं हरियाणा पुलिस के जवान शामिल थे) तैयार खड़ी थी ! लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतनी बड़ी तादाद में पुलिस फ़ोर्स को आना पड़ा ! लोग देख रहे थे और जानना चाह रहे थे कि आखिर इस संत में ऐसा क्या है कि हजारों लोग जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुढ्ढे शामिल हैं ! वे इस संत के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं , हाथों में तख्तियां पकड़े हुए हैं जिन पर लिखा था कि जजों की जवाबदेही तय हो, भारत में सभी केसों की वीडियो रिकॉर्डिंग हो और संत रामपाल जी महाराज पर लगाये गए सभी केसों की सीबीआई जांच हो ! अगर हमारी बातें नहीं मानी जाती हैं तो राष्ट्रपति जी हमें मौत दो ! लेकिन उन मायूस भक्तों और बहनों को क्या पता था कि जिस देश में तुम रहते हो, वहां न्याय मांगने वालों को सिर्फ मौत दी जाती है ! लोग जानना चाहते थे कि इतनी पुलिस फ़ोर्स आखिर एक संत को गिरफ्तार करने क्यों पहुँच गयी, आखिर क्यों सरकारी डॉक्टरों के पैनल की भेजी रिपोर्ट को रिजेक्ट करके एक तानाशाही फरमान सुनाया गया कि किसी भी कीमत पर संत को पेश करो, चाहे बीमार हो या न हो ! आईये आपको पूरा किस्सा समझाते हैं कि आखिर ये सब माज़रा क्या है ? कैसे कुछ जजों ने सविंधान को ताक पर रखकर मनमाने आदेश दिए, कैसे कुछ राजनेताओं ने तानाशाही फरमान जारी करके जुल्म किये ? एक एक किस्सा आपके सामने रखते हैं !


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