करौंथा काण्ड का रहस्य
"डीघल गाँव में मौत का कहर " (( जैसी करनी वैसी भरनी ! ))
हम बड़े दुःख के साथ लिख रहे हैं कि कुछ दुष्ट लोगों के बहकावे में आकर सन् 2006 में करौंथा काण्ड करके
संत रामपाल जी महाराज तथा भक्तों को सताकर कैसा कष्ट उठा रहे हैं! करौंथा आश्रम के आसपास के गांव। हम किसी का अपमान करने का उद्देश्य नहीं रखते। अपितु सतर्क करना चाहते हैं कि अब तो आँखें खोल लो। और कितना नाश करना चाहते हो ?
संत रामपाल जी तथा भक्त कभी बद्दुवा नहीं देते। वे परमात्मा के सामने रोते हैं। परमात्मा ही उन अपराधियों को दण्ड देता है।
1- गाँव डीघल का एक अभय (अभे) नाम का आदमी का लड़का भुंडू आश्रम में घुसा और भक्तों के साथ झगड़ा किया। उस लड़के की छाती में कैंसर हो गई, मौत को प्राप्त हुआ। अभे ने संत रामपाल जी महाराज तथा भक्तों पर झूठा मुकदमा किया था जो न्यायालय में निराधार साबित हुआ। कुछ दिन के बाद के उसकी जीभ में कैंसर
हो गई। तीन महीने तक भूखा मरता रहा और अंत में तड़फ- तड़फ कर मर गया। फिर उसी आदमी अभय
का बड़ा बेटा रोहतास जिसके पूरे शरीर पर फोड़े निकल आए और कोढ़ की तरह चैने लगा और एक महीने तक
कपड़े नहीं डाले। सिर्फ चादर ढ़के रहता और अंत में तड़फ- तड़फ कर मर गया। उसी अभय का तीसरा बेटा गोली खाकर मर गया। इस प्रकार उसके तीनों बेटे तथा स्वयं तड़फ- तड़फ कर मरे
2->अन्य गाँव से आया हुआ वर्तमान में डीघल गाँव में रह रहा एक आदमी मांगेराम पुत्र पृथी ने आश्रम वालों के साथ बेवजह झगड़ा किया और सतलोक आश्रम वालों के खिलाफ आर्यसमाजियों के साथ मिलकर कई साजिशें रची। वह कहता था कि गुरूजी को जेल भेजकर रहेगा। कुछ दिन के बाद उसका बेटा ही एक धनी के बच्चे के अपहरण केस में जेल चला गया और उसे उम्रकैद की सजा हो गई।
3-> डीघल गांव का जयसिंह नामक एक आदमी जो 27 गाँवों का प्रधान है, उसने सतलोक आश्रम से पानी
की मोटरें उठवाई, पानी के पाइपों को तुड़वाया और आश्रम की बिजली के तार कटवाए। कुछ दिन के पश्चात्
उसके छोटे बेटे ने किसी औरत के साथ दुव्र्यवहार किया और जहर निगल कर मर गया। जयसिंह का दूसरा बेटा हार्टअटैक के कारण मर गया।
4-> डीघल गांव का रणबीर नामक एक आदमी आश्रम पर आक्रमण करने गया, पुलिस की गोलियों से घायल
हुआ। सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। उसी दिन से उसका बेटा पागल हो गया।
5-> डीघल गांव का महीपाल नामक एक आदमी आश्रम पर आक्रमण करने गया। पुलिस की गोलियों से घायल
हो गया। सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। उसके कुछ समय बाद उसे एड्स की बीमारी हो गई और
मर गया।
6-> डीघल गांव का एक आदमी जग्गा आश्रम पर आक्रमण करने गया। पुलिस की गोलियों से घायल हो गया।
सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। कुछ समय बाद वह बहुत ज्यादा शराब पीने लगा। पत्नी व बच्चों को परेशान करने लगा। उसके घर में झगड़ा रहने लगा और उसकी पत्नी ने उसकी पिटाई कर दी जिससे वह मर गया।
7-> डीघल गांव का एक लीलू नामक आदमी का बेटा आश्रम पर आक्रमण करने गया। पुलिस की गोलियों से घायल हो गया। सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। कुछ दिन के बाद गन्ने की ट्राली के नीचे दब कर मर गया।
8-> डीघल गांव का अनिल नामक एक आदमी जो आश्रम के पास वाले बाग में रहता था। उसका खुद का लड़का नहीं था। इसलिए उसके पास उसकी बेटी का लड़का रहता था। अनिल गुरूदेव जी को गालियां देता था। कुछ दिन के बाद उसका दोहता (दोहित्र) एक्सीडेंट में मर गया।
9-> डीघल गांव की एक भक्तमति दर्शना ने सन् 2006 के बाद गुरूदेव जी का नाम छोड़ दिया और गुरूदेव
जी को गालियां देने लगी। कुछ दिनों के बाद उसके बेटे की पत्नी , उसका पति, दोनों बेटे मर गए। उसने अपनी बेटी की चार बार शादी की जिसमें से तीन बार उसकी लड़की छोड़ दी गई और चौथी बार उसका पति मर गया। फिर दर्शना ने अपनी दूसरी बेटी की शादी की, वह लड़की अपने ससुराल से भाग गई। कुछ ही दिनों में दर्शना भी गाँव छोड़कर भाग गई।
10-> डीघल गांव का भूप नामक एक आदमी की पत्नी ने गुरूदेव जी का नाम ले रखा था। मांगेराम नामक
आदमी के कहने पर उसने अपनी पत्नी का नाम तुड़वा दिया और अपनी पत्नी को जबरदस्ती हुक्का पिला दिया।
कुछ समय बाद भूप के गले में कैंसर हो गई और तड़फ-तड़फ कर मर गया।
11-> डीघल गांव का राजेन्द्र नामक एक आदमी गुरूदेव(संत रामपाल जी महाराज) जी को हर रोज गालियां देता था। कुछ समय बाद उसकी जीभ में कैंसर हो गई। एक-एक लाख रूपये के टीके लगवाने के बाद भी मौत तड़फ-तड़फ कर हुई।
12-> डीघल गांव का उमेद नामक एक आदमी गुरूदेव जी को बहुत गालियां देता था। पहले उसका हाथ कटा और अब डाक्टरों ने उसके गले में कैंसर की बीमारी बताई है। कई लाख रूपये के टीके लग चुके हैं। फिर भी कोई आराम नहीं है। सारी जमीन बिक चुकी है और मरने के लिए तड़फ रहा है।
13-> डीघल गांव का सोनू नामक एक आदमी करौंथा काण्ड के पश्चात् आश्रम में घुसा और गुरूदेव जी के फोटो पर लात मारी। कुछ दिन के बाद किसी औरत के साथ दुव्र्यवहार करने के आरोप से जहर खाकर मर गया। उसकी पत्नी चली गई, कुल नाश हुआ।
14-> डीघल गांव का रामफल नामक एक व्यक्ति जिसके बेटे का नाम सोनू था। सोनू की चार बहनें थी। आश्रम
पर आक्रमण करने गया था। वहां पर बहुत हंगामा किया और कुछ दिनों के बाद जहर खाकर मर गया।
15-> डीघल गांव का जयकिशन नाम का एक व्यक्ति जिसने गुरूदेव जी का पुतला फुंका था। कुछ समय बाद उसके सिर में कैंसर का फोड़ा हो गया। कई महीनों तक खाना नहीं खाया और अंत में तड़फ-तड़फ कर मर गया।
16-> डीघल गांव का एक आदमी ईश्वर जिसने गुरूदेव जी के पुतले को कपड़े पहनाए और पुतला फूंका। कुछ
ही दिन बाद झज्जर चुंगी के पास ट्रक के नीचे कुचला गया और उसकी मौत हो गई।
17-> डीघल गांव का एक आदमी ज्ञानेन्द्र गुरूदेव जी को हर समय बेटी की गालियां देता था। एक महीने के बाद उसकी बेटी का पति आश्रम के पास ट्रक के नीचे कुचला गया। उसकी हड्डियों को गठरी में बाँधकर लाए थे।
18-> डीघल गांव का एक आदमी जिसका नाम भोडू था। उसने गुरूदेव जी का पुतला फूंका और गुरूदेव जी के
बारे में अश्लील बातें की। (जिन्हें लिखा नहीं जा सकता) सुनारियां गाँव मे उसकी लाश मिली और उसके गुदा द्वार में बांस का टुकड़ा मिला। उसके पूरे शरीर को बोतलों से फोड़ा गया था और उसके शरीर में काँच के टुकड़े मिले थे। उसकी लाश भी दो दिन बाद मिली थी। उसकी दो बेटियों का जन्म पेट काटकर हुआ था। उसका बेटा पैदा होने के एक महीने बाद उसके पेट में फोड़ा पाया गया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस तरह भोडू की वंश बेल समाप्त हो गई।
19-> डीघल गांव का एक आदमी जिसका नाम गगना है, उसने आश्रम के अनुयाइयों के घरों को जलाने की बात की थी। कुछ दिन के बाद उसके भतीजे ने किसी महिला के साथ दुव्र्यवहार करने की कोशिश की। दूसरे कुछ लोगों ने तेजाब से जला दिया जोकि सुसाना गांव में जला हुआ मरा मिला। उसकी माँ लकवाग्रस्त हो गई और एक महीने बाद तड़फ-तड़फ कर मर गई।
20-> डीघल गांव का प्रताप नामक एक आदमी जिसने गुरूदेव जी को बहुत गालियां दी थी। कुछ दिनों के बाद उसके दोनों गुर्दे खत्म हो गए और अब मरने के लिए तड़फ रहा है।
21-> डीघल गांव का शुशु नामक एक व्यक्ति आश्रम में काला तेल लगाकर घुस गया। कुछ दिनों बाद उसके
दिमाग की नस फट गई और एक महीने तक तड़फ-तड़फ कर मर गया। उसके मरने के बाद उसकी पत्नी अपने बेटे को लेकर घर से चली गई और हमेशा-हमेशा के लिए घर पर ताला लग गया। मरने से पहले हस्पताल में हर रोज एक लाख रूपये का खर्चा हुआ।
22-> उसकी पत्नी के मायके वालों ने कहा कि उसके बड़े भाई की शादी उसकी पत्नी से करेंगे। उसके भाई की शादी जबरदस्ती शुशु की पत्नी के साथ की। शुशु की भाभी ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दे दी कि उसके पति की जबरदस्ती दोबारा शादी करवाई है। कुछ समय बाद शुशु की पत्नी ने अपने जेठ की रिपोर्ट दे दी। शुशु के मरने के कुछ समय पहले कोतरी नामक एक पक्षी उनके ऊपर झपटती थी। वे लोग अपने बाहर वाले घर पर जाते तो कोतरी उनके सिर पर चोंच मारती। वे लोग जोहड़ पर जाते तो भी वह कोतरी उनके सिर पर चोंच मारती थी। पूरे एक साल तक उसने घरवालों को परेशान रखा। शुशु के मरते ही वह कोतरी अचानक न जाने कहां चली गई ? शुशु की पत्नी के रिपोर्ट देने के बाद आज उसका भाई जेल में बंद है।
22-> डीघल गांव की एक औरत मुकेश जिसने गुरूदेव जी को बहुत गालियां दी और कहा कि अगर मेरा परिवार खत्म हो जाए तो भी आश्रम में न जाऊँ। कुछ दिन के बाद उसका पति मर गया , उसकी बहन मर गई। उसके ससुर की भी मौत हो गई। उसने रोते हुए कहा कि मैंने गुरूदेव जी के बारे में भला-बुरा कहा जिससे हमारे घर में एकदम से चार मौतें हो गई। फिर उसने गुरूदेव जी से माफी मांगी। उस दिन से उसके दोनों बच्चे स्वस्थ हैं और उसका कहना है कि वह भविष्य में कभी ऐसा नहीं करेगी।
23-> काले पुत्र आजाद गांव डीघल पान्ना-मिठान। इसका पिता आजाद गुरूदेव जी को बहुत गलत बोलता था। उसका उसके बेटे से झगड़ा हो गया। उसका 22साल का लड़का जहर की गोली खाकर मर गया। 6 महीने बाद उसकी मां की मौत हो गई और आजाद का बड़ा बेटा शराब पीकर मर गया।
24-> राजा पुत्र अमर सिंह चंडा, गांव-डीघल पान्ना- डालान। इसने गुरूदेव जी को बहुत गलत कहा। तभी से
उसके घर में कष्ट रहने लगे। पति -पत्नी में झगड़ा रहने लगा। उसने गोली खाकर आत्म हत्या कर ली।
25-> डीघल गांव का एक काले नामक व्यक्ति ने एक भगत को हाँकी मार दी। काले के भाई का कुछ दिनों
बाद किसी के साथ झगड़ा हो रहा था, उसे छत से धक्का देकर गिरा दिया जिससे उसकी गर्दन की हड्डियां टूट गईं और मर गया।
26-> डीघल गांव का एक व्यक्ति जिसका नाम पप्पू है। उसने आश्रम से बहुत सामानउठाया था और आर्य
समाज का सेवक था। इस काम की वजह से वह अब पागल हो चुका है।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िये ----
http://www.rsss.co.in/books/Bhogega_Apna_Kiya_Re.pdf
"डीघल गाँव में मौत का कहर " (( जैसी करनी वैसी भरनी ! ))
हम बड़े दुःख के साथ लिख रहे हैं कि कुछ दुष्ट लोगों के बहकावे में आकर सन् 2006 में करौंथा काण्ड करके
संत रामपाल जी महाराज तथा भक्तों को सताकर कैसा कष्ट उठा रहे हैं! करौंथा आश्रम के आसपास के गांव। हम किसी का अपमान करने का उद्देश्य नहीं रखते। अपितु सतर्क करना चाहते हैं कि अब तो आँखें खोल लो। और कितना नाश करना चाहते हो ?
संत रामपाल जी तथा भक्त कभी बद्दुवा नहीं देते। वे परमात्मा के सामने रोते हैं। परमात्मा ही उन अपराधियों को दण्ड देता है।
1- गाँव डीघल का एक अभय (अभे) नाम का आदमी का लड़का भुंडू आश्रम में घुसा और भक्तों के साथ झगड़ा किया। उस लड़के की छाती में कैंसर हो गई, मौत को प्राप्त हुआ। अभे ने संत रामपाल जी महाराज तथा भक्तों पर झूठा मुकदमा किया था जो न्यायालय में निराधार साबित हुआ। कुछ दिन के बाद के उसकी जीभ में कैंसर
हो गई। तीन महीने तक भूखा मरता रहा और अंत में तड़फ- तड़फ कर मर गया। फिर उसी आदमी अभय
का बड़ा बेटा रोहतास जिसके पूरे शरीर पर फोड़े निकल आए और कोढ़ की तरह चैने लगा और एक महीने तक
कपड़े नहीं डाले। सिर्फ चादर ढ़के रहता और अंत में तड़फ- तड़फ कर मर गया। उसी अभय का तीसरा बेटा गोली खाकर मर गया। इस प्रकार उसके तीनों बेटे तथा स्वयं तड़फ- तड़फ कर मरे
2->अन्य गाँव से आया हुआ वर्तमान में डीघल गाँव में रह रहा एक आदमी मांगेराम पुत्र पृथी ने आश्रम वालों के साथ बेवजह झगड़ा किया और सतलोक आश्रम वालों के खिलाफ आर्यसमाजियों के साथ मिलकर कई साजिशें रची। वह कहता था कि गुरूजी को जेल भेजकर रहेगा। कुछ दिन के बाद उसका बेटा ही एक धनी के बच्चे के अपहरण केस में जेल चला गया और उसे उम्रकैद की सजा हो गई।
3-> डीघल गांव का जयसिंह नामक एक आदमी जो 27 गाँवों का प्रधान है, उसने सतलोक आश्रम से पानी
की मोटरें उठवाई, पानी के पाइपों को तुड़वाया और आश्रम की बिजली के तार कटवाए। कुछ दिन के पश्चात्
उसके छोटे बेटे ने किसी औरत के साथ दुव्र्यवहार किया और जहर निगल कर मर गया। जयसिंह का दूसरा बेटा हार्टअटैक के कारण मर गया।
4-> डीघल गांव का रणबीर नामक एक आदमी आश्रम पर आक्रमण करने गया, पुलिस की गोलियों से घायल
हुआ। सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। उसी दिन से उसका बेटा पागल हो गया।
5-> डीघल गांव का महीपाल नामक एक आदमी आश्रम पर आक्रमण करने गया। पुलिस की गोलियों से घायल
हो गया। सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। उसके कुछ समय बाद उसे एड्स की बीमारी हो गई और
मर गया।
6-> डीघल गांव का एक आदमी जग्गा आश्रम पर आक्रमण करने गया। पुलिस की गोलियों से घायल हो गया।
सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। कुछ समय बाद वह बहुत ज्यादा शराब पीने लगा। पत्नी व बच्चों को परेशान करने लगा। उसके घर में झगड़ा रहने लगा और उसकी पत्नी ने उसकी पिटाई कर दी जिससे वह मर गया।
7-> डीघल गांव का एक लीलू नामक आदमी का बेटा आश्रम पर आक्रमण करने गया। पुलिस की गोलियों से घायल हो गया। सरकार से इनाम में 50 हजार रूपये लाया। कुछ दिन के बाद गन्ने की ट्राली के नीचे दब कर मर गया।
8-> डीघल गांव का अनिल नामक एक आदमी जो आश्रम के पास वाले बाग में रहता था। उसका खुद का लड़का नहीं था। इसलिए उसके पास उसकी बेटी का लड़का रहता था। अनिल गुरूदेव जी को गालियां देता था। कुछ दिन के बाद उसका दोहता (दोहित्र) एक्सीडेंट में मर गया।
9-> डीघल गांव की एक भक्तमति दर्शना ने सन् 2006 के बाद गुरूदेव जी का नाम छोड़ दिया और गुरूदेव
जी को गालियां देने लगी। कुछ दिनों के बाद उसके बेटे की पत्नी , उसका पति, दोनों बेटे मर गए। उसने अपनी बेटी की चार बार शादी की जिसमें से तीन बार उसकी लड़की छोड़ दी गई और चौथी बार उसका पति मर गया। फिर दर्शना ने अपनी दूसरी बेटी की शादी की, वह लड़की अपने ससुराल से भाग गई। कुछ ही दिनों में दर्शना भी गाँव छोड़कर भाग गई।
10-> डीघल गांव का भूप नामक एक आदमी की पत्नी ने गुरूदेव जी का नाम ले रखा था। मांगेराम नामक
आदमी के कहने पर उसने अपनी पत्नी का नाम तुड़वा दिया और अपनी पत्नी को जबरदस्ती हुक्का पिला दिया।
कुछ समय बाद भूप के गले में कैंसर हो गई और तड़फ-तड़फ कर मर गया।
11-> डीघल गांव का राजेन्द्र नामक एक आदमी गुरूदेव(संत रामपाल जी महाराज) जी को हर रोज गालियां देता था। कुछ समय बाद उसकी जीभ में कैंसर हो गई। एक-एक लाख रूपये के टीके लगवाने के बाद भी मौत तड़फ-तड़फ कर हुई।
12-> डीघल गांव का उमेद नामक एक आदमी गुरूदेव जी को बहुत गालियां देता था। पहले उसका हाथ कटा और अब डाक्टरों ने उसके गले में कैंसर की बीमारी बताई है। कई लाख रूपये के टीके लग चुके हैं। फिर भी कोई आराम नहीं है। सारी जमीन बिक चुकी है और मरने के लिए तड़फ रहा है।
13-> डीघल गांव का सोनू नामक एक आदमी करौंथा काण्ड के पश्चात् आश्रम में घुसा और गुरूदेव जी के फोटो पर लात मारी। कुछ दिन के बाद किसी औरत के साथ दुव्र्यवहार करने के आरोप से जहर खाकर मर गया। उसकी पत्नी चली गई, कुल नाश हुआ।
14-> डीघल गांव का रामफल नामक एक व्यक्ति जिसके बेटे का नाम सोनू था। सोनू की चार बहनें थी। आश्रम
पर आक्रमण करने गया था। वहां पर बहुत हंगामा किया और कुछ दिनों के बाद जहर खाकर मर गया।
15-> डीघल गांव का जयकिशन नाम का एक व्यक्ति जिसने गुरूदेव जी का पुतला फुंका था। कुछ समय बाद उसके सिर में कैंसर का फोड़ा हो गया। कई महीनों तक खाना नहीं खाया और अंत में तड़फ-तड़फ कर मर गया।
16-> डीघल गांव का एक आदमी ईश्वर जिसने गुरूदेव जी के पुतले को कपड़े पहनाए और पुतला फूंका। कुछ
ही दिन बाद झज्जर चुंगी के पास ट्रक के नीचे कुचला गया और उसकी मौत हो गई।
17-> डीघल गांव का एक आदमी ज्ञानेन्द्र गुरूदेव जी को हर समय बेटी की गालियां देता था। एक महीने के बाद उसकी बेटी का पति आश्रम के पास ट्रक के नीचे कुचला गया। उसकी हड्डियों को गठरी में बाँधकर लाए थे।
18-> डीघल गांव का एक आदमी जिसका नाम भोडू था। उसने गुरूदेव जी का पुतला फूंका और गुरूदेव जी के
बारे में अश्लील बातें की। (जिन्हें लिखा नहीं जा सकता) सुनारियां गाँव मे उसकी लाश मिली और उसके गुदा द्वार में बांस का टुकड़ा मिला। उसके पूरे शरीर को बोतलों से फोड़ा गया था और उसके शरीर में काँच के टुकड़े मिले थे। उसकी लाश भी दो दिन बाद मिली थी। उसकी दो बेटियों का जन्म पेट काटकर हुआ था। उसका बेटा पैदा होने के एक महीने बाद उसके पेट में फोड़ा पाया गया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस तरह भोडू की वंश बेल समाप्त हो गई।
19-> डीघल गांव का एक आदमी जिसका नाम गगना है, उसने आश्रम के अनुयाइयों के घरों को जलाने की बात की थी। कुछ दिन के बाद उसके भतीजे ने किसी महिला के साथ दुव्र्यवहार करने की कोशिश की। दूसरे कुछ लोगों ने तेजाब से जला दिया जोकि सुसाना गांव में जला हुआ मरा मिला। उसकी माँ लकवाग्रस्त हो गई और एक महीने बाद तड़फ-तड़फ कर मर गई।
20-> डीघल गांव का प्रताप नामक एक आदमी जिसने गुरूदेव जी को बहुत गालियां दी थी। कुछ दिनों के बाद उसके दोनों गुर्दे खत्म हो गए और अब मरने के लिए तड़फ रहा है।
21-> डीघल गांव का शुशु नामक एक व्यक्ति आश्रम में काला तेल लगाकर घुस गया। कुछ दिनों बाद उसके
दिमाग की नस फट गई और एक महीने तक तड़फ-तड़फ कर मर गया। उसके मरने के बाद उसकी पत्नी अपने बेटे को लेकर घर से चली गई और हमेशा-हमेशा के लिए घर पर ताला लग गया। मरने से पहले हस्पताल में हर रोज एक लाख रूपये का खर्चा हुआ।
22-> उसकी पत्नी के मायके वालों ने कहा कि उसके बड़े भाई की शादी उसकी पत्नी से करेंगे। उसके भाई की शादी जबरदस्ती शुशु की पत्नी के साथ की। शुशु की भाभी ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दे दी कि उसके पति की जबरदस्ती दोबारा शादी करवाई है। कुछ समय बाद शुशु की पत्नी ने अपने जेठ की रिपोर्ट दे दी। शुशु के मरने के कुछ समय पहले कोतरी नामक एक पक्षी उनके ऊपर झपटती थी। वे लोग अपने बाहर वाले घर पर जाते तो कोतरी उनके सिर पर चोंच मारती। वे लोग जोहड़ पर जाते तो भी वह कोतरी उनके सिर पर चोंच मारती थी। पूरे एक साल तक उसने घरवालों को परेशान रखा। शुशु के मरते ही वह कोतरी अचानक न जाने कहां चली गई ? शुशु की पत्नी के रिपोर्ट देने के बाद आज उसका भाई जेल में बंद है।
22-> डीघल गांव की एक औरत मुकेश जिसने गुरूदेव जी को बहुत गालियां दी और कहा कि अगर मेरा परिवार खत्म हो जाए तो भी आश्रम में न जाऊँ। कुछ दिन के बाद उसका पति मर गया , उसकी बहन मर गई। उसके ससुर की भी मौत हो गई। उसने रोते हुए कहा कि मैंने गुरूदेव जी के बारे में भला-बुरा कहा जिससे हमारे घर में एकदम से चार मौतें हो गई। फिर उसने गुरूदेव जी से माफी मांगी। उस दिन से उसके दोनों बच्चे स्वस्थ हैं और उसका कहना है कि वह भविष्य में कभी ऐसा नहीं करेगी।
23-> काले पुत्र आजाद गांव डीघल पान्ना-मिठान। इसका पिता आजाद गुरूदेव जी को बहुत गलत बोलता था। उसका उसके बेटे से झगड़ा हो गया। उसका 22साल का लड़का जहर की गोली खाकर मर गया। 6 महीने बाद उसकी मां की मौत हो गई और आजाद का बड़ा बेटा शराब पीकर मर गया।
24-> राजा पुत्र अमर सिंह चंडा, गांव-डीघल पान्ना- डालान। इसने गुरूदेव जी को बहुत गलत कहा। तभी से
उसके घर में कष्ट रहने लगे। पति -पत्नी में झगड़ा रहने लगा। उसने गोली खाकर आत्म हत्या कर ली।
25-> डीघल गांव का एक काले नामक व्यक्ति ने एक भगत को हाँकी मार दी। काले के भाई का कुछ दिनों
बाद किसी के साथ झगड़ा हो रहा था, उसे छत से धक्का देकर गिरा दिया जिससे उसकी गर्दन की हड्डियां टूट गईं और मर गया।
26-> डीघल गांव का एक व्यक्ति जिसका नाम पप्पू है। उसने आश्रम से बहुत सामानउठाया था और आर्य
समाज का सेवक था। इस काम की वजह से वह अब पागल हो चुका है।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िये ----
http://www.rsss.co.in/books/Bhogega_Apna_Kiya_Re.pdf
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