जैसी करनी वैसी भरनी
मन तू पावैगा अपना किया रे, भोगेगा अपना किया रे...
सन्त सताएं तीनों जाए, तेज बल और वंश,
ऐसे-ऐसे कई गये, रावण कौरव कंश॥
मन तू पावैगा अपना किया रे, भोगेगा अपना किया रे...
सन्त सताएं तीनों जाए, तेज बल और वंश,
ऐसे-ऐसे कई गये, रावण कौरव कंश॥
परमेश्वर कहते है...
कबीरा मेरे भगत को, दुख न दीजो कोय,
भगत दुखाया मैं दुखी, मेरा आपा भी दुखी होय,
मैं ही मारया हिरण्यकशिप, मैं ही मारया कंश,
जो मेरे साधु को सतावै, वाको खो दूं वंश॥
कबीरा मेरे भगत को, दुख न दीजो कोय,
भगत दुखाया मैं दुखी, मेरा आपा भी दुखी होय,
मैं ही मारया हिरण्यकशिप, मैं ही मारया कंश,
जो मेरे साधु को सतावै, वाको खो दूं वंश॥
उदाहरणर्थ:- आर्य समाजी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का वंश खत्म हो चुका है...और आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के मंत्री मास्टर रामपाल का वंश उजड गया...
"सन्त वचन पलटै नहीं चाहे पलट जाय ब्रह्मण्ड़"
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