उत्तर: 1. श्री मार्कण्डेय पुराण (सचित्रा मोटा टाईप गीता प्रैस गोरखपुर से प्रकाशित) के 123 पृष्ठ पर कहा है कि रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शंकर, तीनों ब्रह्म की प्रधान शक्तियाँ है, ये ही तीन देवता हैं। ये ही तीन गुण हैं।
2. श्री देवी महापुराण संस्कृत व हिन्दी अनुवाद (श्री वैंकटेश्वर प्रैस बम्बई से प्रकाशित) में तीसरे स्कंद अध्याय 5 श्लोक 8 में लिखा है कि शंकर भगवान बोले, हे मात! यदि आप हम पर दयालु हैं तो मुझे तमोगुण, ब्रह्मा रजोगुण तथा विष्णु सतोगुण युक्त क्यों किया?
उपरोक्त प्रमाणों से सिद्ध हुआ कि रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी तथा तमगुण शंकर जी हैं।
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