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Wednesday, September 7, 2016

भिक्षुक बन कर ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश माता अनुसुइयाके दर पर जाकर माता से निर्वस्त्र हो कर भोजन करवाने की धृष्टता की और भगवान कहलाए। ....क्यों....???

भिक्षुक बन कर रावणने सीता माता का हरण करने का नीच कर्म किया और राक्षस कहलाया।

भिक्षुक बन कर ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश माता अनुसुइयाके दर पर जाकर माता से निर्वस्त्र हो कर भोजन करवाने की धृष्टता की और भगवान कहलाए। ....क्यों....???

रावण जिसने सीता माता को बन्दी बना कर रखा पर शीलभंग करने की नीचता नही की। विष्णु जी ने राजा जलन्धर की पत्नी रानी वृंदा का शील भंग करने की नीचता की और फिर भी भगवान ............ क्यों....???