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Sunday, June 23, 2019

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India

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+91 8222880541, 542, 543, 544, 545
+91 7027000825, 826, 827, 828, 829

International - Namdaan Centre Contact Details

United Kingdom: +44 7411853409
United States of America: +1 346-714-0224
Canada: +1 (604) 621-4092, (647) 739-4641
Italy: +39 3298194596, 3454629786, 3208455762, 3207151799, 3668084055
Australia: +61 299204319, Mob + 61 481781769
Nepal: +977 9802951254

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Thursday, July 27, 2017

नेपाली हरुको लागी

+917027000829
यो इंडिया प्राथनाको नम्बर नेपालीहरुको लागी हो ।
सेवादार को नाम विकास दास हो नेपाली।
सत साहेब।

Wednesday, March 22, 2017

विशेष सुचना :- सतलोक आश्रम न्यूज़ चैनल

अगर किसी कारण से ये आश्रम के नम्बर 

8222880541
8222880542
8222880543
8222880544
8222880545   नही मिलते है तो:-

इन नम्बरों पर आश्रम से सम्बंदित कोई भी सेवा हो तो कॉल करे:-

7027000825
7027000826
7027000827
7027000828
7027000829

इस पोस्ट को जितना हो सके शेयर करो ।ताकि आश्रम से सम्बंदित कोई भी सेवा मैं अड़चन न आये ।
        "जय बन्दी छोड़ की"

Saturday, December 31, 2016

*नेपाल के सभी नामदान स्थलो कि जानकारी*

*सतगुरुदेव जि कि जय*
*नेपाल के सभी नामदान स्थलो कि जानकारी* लिस्ट मे दि गयि जानकारी निम्नानुसार है जि।

###नामदाम स्थलो का पता और मोबाइल न###


1.नामदान स्थल बिरगंज( जिला पर्सा)
पता:-उ.मा.न.पा-विरगंज-12, पर्सा
सेवादार- राहुल दास- 9845831836 , 9821859477,
------------------------------------------
2. नामदान स्थल परासी(जिला नवलपरासी)
पता:- न.पा.:-परासी, नवलपरासी
सेवादार:- नरसिंह दास- 9847136368
-----------------------------------------
3.नामदान स्थल मिर्चैया(जिला -सिराहा)
पता::- मिर्चैया, सिराहा
सेवादार::- देवशंकर दास,भक्तमती सन्जु दासी- 9817219934 , 9860561947, 9809643188
--------------------------------------
4.नामदान स्थल सुर्यनारायण( जिला- भक्तपुर)
पता::- न.पा. सुर्यनारायण-2, भक्तपुर
सेवादार:- श्याम प्र. ढंगाल- 9841334046
------------------------------------
5.नामदान स्थल बासगाढी(जिला बर्दिया)
पता:- बासगाढी-8, बर्दिया
सेवादार:- रामप्रकाश दास - 9848538153
---------------------------------
6.नामदान स्थल इनर्वा ( जिला- सुनसरि)
पता- न.पा. इनर्वा- 3, सुनसरी
सेवादार:- राम कफ्ले- 9842506065
---------------------------------------
7.नामदान स्थल कलंकी( जिला काठमाण्डौ)
पता:- कलंकी, काठमाण्डौ
सेवादार:- रामजी दास, भक्तमती अनिता दासी- 9851049459 , 9851189383
-------------------------------------
8. नामदाम स्थल महेन्द्रनगर( जिला कन्चनपुर)
पता:- न.पा. महेन्द्रनगर , कन्चनपुर
सेवादार- विक्रम दास- 9801395050
----------------------------------
9. नामदान स्थल लमही( जिला- दाङ्ग)
पता:- न.पा.:- लमही, दाङ्ग
सेवादार::- शर्मा दास- 9844930539
-------------------------------------

नेपाल काठमांडू :-977 9860561947
नेपाल बीरगंज :- 977 9860561946

*सत साहेब*

Friday, November 18, 2016

Sat saheb India Phone Number

1-NC आर्या जी का मो० :-9355533965, NC Arya 
2-अमित जी(मोहन जी के पुत्र):-9034348034,  Amit jee ji 
3-अन्जू बहनजी (गुरुजी की बेटी):- 8529548544 Anju bahan jee
4-नवीन सोनीपत :-7404636544, Nabin sonipat
5- संजीव हुड्डा (UP कोआडिनेटर ) |:-मो०-09911844488, sanjiw sanjib hudda 
5-कानपुर का कोआडिनेटर संजय दास |जिनका (मो०-9935968410,) है | sanjay dass kanpur coordinator of kanpur


+91-8222880541
+91-8222880542
+91-8222880543
+91-8222880544
+91-8222880545

Sunday, November 6, 2016

पूर्ण ब्रहम कबिर उपासक समाज नेपाल को फोन नम्बरहरु

राम चरित्र भगत जी- अध्यक्ष -  ९८४१६८४०६१, ९८०९४३२८८८
केशब मैनाली -उपाध्यक्ष - ९८५११८९३८४,
हरि तिवारी - सचिब- ९८४००५१६४९,
राम भगत जी कलंकी- काठमाडौँ- ९८५१०४९४५९ 
राम कृपाल भगत जी- (co-ordianator of Nepal)- कोडीनेटर नेपालको -९८५५०३३००५, ९८०२९२०००५, ९८५५०२७४०० 

राम कृपाल भगत जी को भक्त मति- ९८०६८३९६०४

9851189380 
9851189381
9851189382
9851189383
9851189384


सम्मर्क न‌म्बरहरु
भगत हरि दास जी 9851189380
भगत राम चरित्र दास जी 9851189381
भगत रामकृपाल दास जी 9851189382
भगत रामजी दास जी 9851189383
भगत केशव दास जी 9851189384

अरु भगत हरु को पनि नम्बर कमेन्ट गर्नु होला /-

सत साहेब 

Wednesday, September 14, 2016

आध्यात्मिक ज्ञान के बारे मे किसी प्रकार की शंका का समाधान करने के लिए

आध्यात्मिक ज्ञान के बारे मे किसी प्रकार की शंका का समाधान करने के लिए संम्पर्क करें-

08222880541, 08222880542, 9165619411

(आशा है कि आप इस पर अवश्य टिप्पणी देंगे) सत साहिब

Tuesday, June 21, 2016

*भारत / इण्डिया के नामदान स्थलो कि जानकारी* Nam dan sthal of India

सत् साहिब जी!!

परमेश्वर प्रदत्त नामदीक्षा दी जाती हे  सतगुरु आज्ञा से अब भी दी जा रही है ! इच्छुक व भगत जन इन नंबरों पर सम्पर्क कर सकते हैं जीसम्पर्क सूत्र

08222880541,
08222880542,
08222880543,
08222880544,
08222880545


हरियाणा :-09034617732 ,09810271351,09416031429

देहली :- 09990448822 ,09810131989,08750930429,

राजस्थान :-09252730211 ,09214401412,07073835494,

पंजाब :- 08558802525,99888906307508557971,98033402139815227012,9041156434

हिमाचल पदेश:-9418666034. 8679274134 .9418282121 9816063070

उत्तरप्रदेश:-09560482460,08006263114,095396070268,0993535073109935968410,08303302906,09889933744,08948859062

बिहार :-09504826009

महाराष्ट्र :-09763700341,09379106769 ,

मध्यप्रदेश :-Chhtarpur 08517874484,Barwani09098780346

छत्तीसगढ़ :- Mission road near mission hospital bhojpur. Champa (c.g.) 9993090692, 7747945862

गुजरात :- 09724716629 ,09904823347



Sunday, April 24, 2016

नाम लेने वाले व्यक्तियों के लिए आवश्यक जानकारी

1. पूर्ण गुरु की पहचान
संत रामपाल जी महाराज
आज कलियुग में भक्त समाज के सामने पूर्ण गुरु की पहचान करना सबसे जटिल प्रश्न बना हुआ है। लेकिन इसका बहुत ही लघु और साधारण–सा उत्तर है कि जो गुरु शास्त्रो के अनुसार भक्ति करता है और अपने अनुयाईयों अर्थात शिष्यों द्वारा करवाता है वही पूर्ण संत है। चूंकि भक्ति मार्ग का संविधान धार्मिक शास्त्रा जैसे – कबीर साहेब की वाणी, नानक साहेब की वाणी, संत गरीबदास जी महाराज की वाणी, संत धर्मदास जी साहेब की वाणी, वेद, गीता, पुराण, कुरआन, पवित्रा बाईबल आदि हैं। जो भी संत शास्त्रो के अनुसार भक्ति साधना बताता है और भक्त समाज को मार्ग दर्शन करता है तो वह पूर्ण संत है अन्यथा वह भक्त समाज का घोर दुश्मन है जो शास्त्रो के विरूद्ध साधना करवा रहा है। इस अनमोल मानव जन्म के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ऐसे गुरु या संत को भगवान के दरबार में घोर नरक में उल्टा लटकाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर जैसे कोई अध्यापक सलेबस (पाठयक्रम) से बाहर की शिक्षा देता है तो वह उन विद्यार्थियों का दुश्मन है। गीता अध्याय नं. 7 का श्लोक नं. 15, यजुर्वेद अध्याय न. 40 श्लोक न. 10, गीता अध्याय नं. 4 का श्लोक नं. 34
2. नशीली वस्तुओं का सेवन निषेध
संत रामपाल जी महाराज
हुक्का, शराब, बीयर, तम्बाखु, बीड़ी, सिगरेट, हुलास सुंघना, गुटखा, मांस, अण्डा, सुल्फा, अफीम, गांजा और अन्य नशीली चीजों का सेवन तो दूर रहा किसी को नशीली वस्तु लाकर भी नहीं देनी है। बन्दी छोड़ गरीबदास जी महाराज इन सभी नशीली वस्तुओं को बहुत बुरा बताते हुए अपनी वाणी में कहते हैं कि
3. तीर्थ स्थानों पर जाना निषेध
संत रामपाल जी महाराज
किसी प्रकार का कोई व्रत नहीं रखना है। कोई तीर्थ यात्राा नहीं करनी, न कोई गंगा स्नान आदि करना, न किसी अन्य धार्मिक स्थल पर स्नानार्थ व दर्शनार्थ जाना है। किसी मन्दिर व ईष्ट धाम में पूजा व भक्ति के भाव से नहीं जाना कि इस मन्दिर में भगवान है। भगवान कोई पशु तो है नहीं कि उसको पुजारी जी ने मन्दिर में बांध रखा है। भगवान तो कण–कण में व्यापक है। ये सभी साधनाएँ शास्त्रो के विरुद्ध हैं।
ऐसे संतों की तलाश करो जो शास्त्रो के अनुसार पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति करते व बताते हों। फिर जैसे वे कहे केवल वही करना, अपनी मन मानी नहीं करना। सामवेद संख्या नं. 1400 उतार्चिक अध्याय नं. 12 खण्ड नं. 3 श्लोक नं. 5 , गीता अध्याय नं. 16 का श्लोक नं. 23, गीता अध्याय नं. 6 का श्लोक नं. 16, ग़रीब दास जी की वाणी
4. पितर पूजा निषेध
संत रामपाल जी महाराज
किसी प्रकार की पितर पूजा, श्राद्ध निकालना आदि कुछ नहीं करना है। भगवान श्री कृष्ण जी ने भी इन पितरों की व भूतों की पूजा करने से साफ मना किया है। गीता जी के अध्याय नं. 9 के श्लोक नं. 25 में कहा है कि । बन्दी छोड़ गरीबदास जी महाराज और कबीर साहिब जी महाराज भी कहते हैं ।
इसलिए उस(पूर्ण परमात्मा) परमेश्वर की भक्ति करो जिससे पूर्ण मुक्ति होवे। वह परमात्मा पूर्ण ब्र सतपुरुष(सत कबीर) है। इसी का प्रमाण गीता जी के अध्याय नं. 18 के श्लोक नं. 46 में है।, गीता अध्याय नं. 18 का श्लोक नं. 62 , and गीता अध्याय नं. 8 का श्लोक नं. 22
5. गुरु आज्ञा का पालन
संत रामपाल जी महाराज
जी की आज्ञा के बिना घर में किसी भी प्रकार का धार्मिक अनुष्ठान नहीं करवाना है। जैसे बन्दी छोड़ अपनी वाणी में कहते हैं कि
गुरु बिन यज्ञ हवन जो करहीं, मिथ्या जावे कबहु नहीं फलहीं।
6. माता मसानी पूजना निषेध
संत रामपाल जी महाराज
आपने खेत में बनी मंढी या किसी खेड़े आदि की या किसी अन्य देवता की समाध नहीं पूजनी है। समाध चाहे किसी की भी हो बिल्कुल नहीं पूजनी है। अन्य कोई उपासना नहीं करनी है। यहाँ तक कि तीनों गुणों(ब्रा, विष्णु, शिव) की पूजा भी नहीं करनी है। केवल गुरु जी के बताए अनुसार ही करना है। गीता अध्याय नं. 7 का श्लोक नं. 15 कबीर साहिब भी अपनी वाणी में कहते हैं
7. संकट मोचन कबीर साहेब हैं
संत रामपाल जी महाराज
कर्म कष्ट (संकट) होने पर कोई अन्य ईष्ट देवता की या माता मसानी आदि की पूजा कभी नहीं करनी है। न किसी प्रकार की बुझा पड़वानी है। केवल बन्दी छोड़ कबीर साहिब को पूजना है जो सभी दु:खों को हरने वाले संकट मोचन हैं। सामवेद संख्या न. 822 उतार्चिक अध्याय 3 खण्ड न. 5 श्लोक न. 8. कबीर साहिब भी अपनी वाणी में कहते हैं
8. अनावश्यक दान निषेध
संत रामपाल जी महाराज
कहीं पर और किसी को दान रूप में कुछ नहीं देना है। न पैसे, न बिना सिला हुआ कपड़ा आदि कुछ नहीं देना है। यदि कोई दान रूप में कुछ मांगने आए तो उसे खाना खिला दो, चाय, दूध, लस्सी, पानी आदि पिला दो परंतु देना कुछ भी नहीं है। न जाने वह भिक्षुक उस पैसे का दुरूपयोग करे। जैसे एक व्यक्ति ने किसी भिखारी को उसकी झूठी कहानी जिसमें वह बता रहा था कि मेरे बच्चे ईलाज बिना तड़फ रहे हैं। कुछ पैसे देने की कृपा करें को सुनकर भावनावस होकर 100 रु दे दिए। वह भिखारी पहले पाव शराब पीता था उस दिन उसने आधा बोतल शराब पीया और अपनी पत्नी को पीट डाला। उसकी पत्नी ने बच्चों सहित आत्म हत्या कर ली। आप द्वारा किया हुआ वह दान उस परिवार के नाश का कारण बना। यदि आप चाहते हो कि ऐसे दु:खी व्यक्ति की मदद करें तो उसके बच्चों को डॉक्टर से दवाई दिलवा दें, पैसा न दें। कबीर साहिब कहते हैं
9. झूठा खाना निषेध
संत रामपाल जी महाराज
ऐसे व्यक्ति का झूठा नहीं खाना है जो शराब, मांस, तम्बाखु, अण्डा, बीयर, अफीम, गांजा आदि का सेवन करता हो।
10. सत्यलोक गमन(देहान्त) के बाद क्रिया–कर्म निषेध
संत रामपाल जी महाराज
यदि परिवार में किसी की मौत हो जाती है, तो उसके फूल आदि कुछ नहीं उठाने हैं, न पिंड आदि भरवाने हैं, न तेराहमी, छ: माही, बरसोधी, पिंड भी नहीं भरवाने हैं तथा श्राद्ध आदि कुछ नहीं करना है। किसी भी अन्य व्यक्ति से हवन आदि नहीं करवाना है। यदि आपने उसके(मरने वाले के) नाम पर कुछ धर्म करना है तो अपने गुरुदेव जी की आज्ञा ले कर बन्दी छोड़ गरीबदास जी महाराज की अमृतमयी वाणी का अखण्ड पाठ करवाना चाहिए। प्रतिदिन की तरह ज्योति व आरती, नाम स्मरण करते रहना है, यह याद रखते हुए कि
11. बच्चे के जन्म पर शास्त्र विरूद्ध पूजा निषेध
संत रामपाल जी महाराज
बच्चे के जन्म पर कोई छटी आदि नहीं मनानी है। सुतक के कारण प्रतिदिन की तरह करने वाली पूजा, भक्ति, आरती, ज्योति जगाना आदि बंद नहीं करनी है। कबीर साहेब हमें बताते हैं कि
12. देई धाम पर बाल उतरवाने जाना निषेध
संत रामपाल जी महाराज
बच्चे के किसी देई धाम पर बाल उतरवाने नहीं जाना है। जब देखो बाल बड़े हो गए, कटवा कर फैंक दो। एक मन्दिर में देखा कि श्रद्धालु भक्त अपने लड़के या लड़कियों के बाल उतरवाने आए। वहाँ पर उपस्थित नाई ने बाहर के रेट से तीन गुना पैसे लीये और एक कैंची भर बाल काट कर मात–पिता को दे दिए। उन्होंने श्रद्धा से मन्दिर में चढ़ाए। पुजारी ने एक थैले में डाल लिए। रात्राी को उठा कर दूर एकांत स्थान पर फैंक दिए। यह केवल नाटक बाजी है। क्यों न पहले की तरह स्वाभाविक तरीके से बाल उतरवाते रहें तथा बाहर डाल दें। परमात्मा नाम से प्रसन्न होता है पाखण्ड से नहीं।
13. नाम जाप से सुख
संत रामपाल जी महाराज
नाम(उपदेश) को केवल दु:ख निवारण की दृष्टि कोण से नहीं लेना चाहिए बल्कि आत्म कल्याण के लिए लेना चाहिए। फिर सुमिरण से सर्व सुख अपने आप आ जाते हैं। कबीर जी की वाणी
14. व्यभिचार निषेध
संत रामपाल जी महाराज
पराई स्त्री को माँ–बेटी–बहन की दृष्टि से देखना चाहिए। व्याभीचार महापाप है। जैसे
15. निन्दा सुनना व करना निषेध
संत रामपाल जी महाराज
अपने गुरु की निंदा भूल कर भी न करें और न ही सुनें। सुनने से अभिप्राय है यदि कोई आपके गुरु जी के बारे में मिथ्या बातें करें तो आपने लड़ना नहीं है बल्कि यह समझना चाहिए कि यह बिना विचारे बोल रहा है अर्थात् झूठ कह रहा है।
जैसे.... निन्दा तो किसी की भी नहीं करनी है और न ही सुननी है। चाहे वह आम व्यक्ति ही क्यों न हो। कबीर साहेब कहते हैं कि
16. गुरु दर्श की महिमा
संत रामपाल जी महाराज
सतसंग में समय मिलते ही आने की कोशिश करे तथा सतसंग में नखरे(मान–बड़ाई) करने नहीं आवे। अपितु अपने आपको एक बिमार समझ कर आवे। जैसे बिमार व्यक्ति चाहे कितने ही पैसे वाला हो, चाहे उच्च पदवी वाला हो जब हस्पताल में जाता है तो उस समय उसका उद्देश्य केवल रोग मुक्त होना होता है। जहाँ डॉक्टर लेटने को कहे लेट जाता है, बैठने को कहे बैठ जाता है, बाहर जाने का निर्देश मिले बाहर चला जाता है। फिर अन्दर आने के लिए आवाज आए चुपके से अन्दर आ जाता है। ठीक इसी प्रकार यदि आप सतसंग में आते हो तो आपको सतसंग में आने का लाभ मिलेगा अन्यथा आपका आना निष्फल है। सतसंग में जहाँ बैठने को मिल जाए वहीं बैठ जाए, जो खाने को मिल जाए उसे परमात्मा कबीर साहिब की रजा से प्रसाद समझ कर खा कर प्रस चित्त रहे। जैसे
17. गुरु महिमा
संत रामपाल जी महाराज
यदि कहीं पर पाठ या सतसंग चल रहा हो या वैसे गुरु जी के दर्शनार्थ जाते हों तो सर्व प्रथम गुरु जी को दण्डवत्(लम्बा लेट कर) प्रणाम करना चाहिए बाद में सत ग्रन्थ साहिब व तसवीरें जैसे साहिब कबीर की मूर्ति – गरीबदास जी की व स्वामी राम देवानन्द जी व गुरु जी की मूर्ति को प्रणाम करें जिससे सिफर्ल भावना बनी रहेगी। मूर्ति पूजा नहीं करनी है। केवल प्रणाम करना पूजा में नहीं आता यह तो भक्त की श्रद्धा को बनाए रखने में सहयोग देता है। पूजा तो वक्त गुरु व नाम मन्त्रा की करनी है जो पार लगाएगा। कबीर साहेब कहते हैं
18. मांस भक्षण निषेध
संत रामपाल जी महाराज
मांस भक्षण व जीव हिंसा नहीं करनी है। यह महापाप होता है। अनजाने में हुई हिंसा का पाप नहीं लगता। बन्दी छोड़ कबीर साहिब कहते हैं :
‘‘इच्छा कर मारै नहीं, बिन इच्छा मर जाए। कहैं कबीर तास का, पाप नहीं लगाए।।‘‘
19. गुरु द्रोही का सम्पर्क निषेध
संत रामपाल जी महाराज
यदि कोई भक्त गुरु जी से द्रोह(गुरु जी से विमुख हो जाता है) करता है वह महापाप का भागी हो जाता है। यदि किसी को मार्ग अच्छा न लगे तो अपना गुरु बदल सकता है। यदि वह पूर्व गुरु के साथ बैर व निन्दा करता है तो वह गुरु द्रोही कहलाता है। ऐसे व्यक्ति से भक्ति चर्चा करने में उपदेशी को दोष लगता है। उसकी भक्ति समाप्त हो जाती है। जैसे.... अर्थात् गुरु द्रोही के पास जाने वाला भक्ति रहित होकर नरक व लख चौरासी जूनियों में चला जाएगा।
20. जुआ निषेध
संत रामपाल जी महाराज
जुआ–तास कभी नहीं खेलना चाहिए। कबीर साहेब कहते हैं...
21. नाच–गान निषेध
संत रामपाल जी महाराज
किसी भी प्रकार के खुशी के अवसर पर नाचना व अश्लील गाने गाना भक्ति भाव के विरूद्ध है। जैसे एक समय एक विधवा बहन किसी खुशी के अवसर पर अपने रिश्तेदार के घर पर गई हुई थी। सभी खुशी के साथ नाच–गा रहे थे परंतु वह बहन एक तरफ बैठ कर प्रभु चिंतन में लगी हुई थी। फिर उनके रिश्तेदारों ने उससे पूछा कि आप ऐसे क्यों निराश बैठे हो? आप भी हमारे की तरह नाचों, गाओ और खुशी मनाओ। इस पर वह बहन कहती है कि किस की खुशी मनाऊँ? मुझ विावा का एक ही पुत्रा था वह भी भगवान को प्यारा हो चुका है। अब क्या खुशी है मेरे लिए? ठीक इसी प्रकार इस काल के लोक में प्रत्येक व्यक्ति की स्थिति है।
22. छूआछात निषेध
संत रामपाल जी महाराज
हम सब एक मलिक के बंदे हैं। भगवान ने किसी भी जाती या मज़हब के स्त्री पुरुषों में कोई अंतर नहीं किया तो हम क्यूँ करें?
23. दहेज लेना तथा देना निषेध
संत रामपाल जी महाराज
दहेज लेना व देना कुरीति है तथा मानव मात्र की अशांति का कारण है। उपदेशी के लिए मना है। जिसने अपने कलेजे की कोर पुत्री को दे दिया फिर बाकी क्या रहा?
विशेष: स्त्री तथा पुरूष दोनों ही परमात्मा प्राप्ति के अधिकारी हैं। स्त्रिायों को मासिक धर्म (menses) के दिनों में भी अपनी दैनिक पूजा, ज्योति लगाना आदि बन्द नहीं करना चाहिए। किसी के देहान्त या जन्म पर भी दैनिक पूजा कर्म बन्द नहीं करना है।
नोट :–– जो भक्तजन इन इक्कीस सुत्रीय आदेशों का पालन नहीं करेगा उसका नाम समाप्त हो जाएगा। यदि अनजाने में कोई गलती हो भी जाती है तो वह माफ हो जाती है और यदि जान बुझकर कोई गलती की है तो वह भक्त नाम रहित हो जाता है। इसका समाधान यही है कि गुरुदेव जी से क्षमा याचना करके दोबारा नाम उपदेश लेना होगा।

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जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को पहचानो और नाम उपदेश लेकर अपना मानव जीवन सफल कर लो
आप सभी से प्रार्थना है की ये विडियो अवश्य देखें .... http://m.youtube.com/watch?v=UsnnHAf7Gy8 . अवश्य पढिये "ग्यान गंगा" बुक.. सभी भाषाओ मे उपलब्घ ..... www.jagatgururampalji.org/booksandpublications.php 
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कृपया अवश्य जानिए ... 100% सत्य आध्यात्मिक तत्वज्ञान , श्रीमद भग्वद गीता जी और वेदों के सब प्रमाण के साथ .. देखना ना भूले "साधना" टी.वी चेनल रोजाना शाम 07:40 से 08:40 . . . . सत साहेब : इस पोस्ट को आगे आगे शेयर किजिये. . न जाने कौन इंतज़ार कर रहा है!!!!!!...

Tuesday, March 22, 2016

RSSS – Rashtriya Samaj Sewa Samiti


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