नाभी कमल मेँ पेठिये रे झुमकरा,
चल बँकनाल के घाट सुनो राय झुमकरा !
इला पिँगला फेरिये रे झुमकरा ,
ऊतरो औघट घाट सुनो राय झुमकरा !
शुषमन सुरत लगाइये रे झुमकरा,
वो खोलो बज्र कपाट सुनो राय झुमकरा !
काया नगरी जद बसे राय झुमकरा ,
जद घर आवे आठ सुनो राय झुमकरा !
द्वादश बँध लगाइये राय झुमकरा,
जहाँ कोटि कला शशी भान सुनो राय झुमकरा !
जहाँ दोना मरुआ फूल ह राय झुमकरा,
सूरजमुखी सुभान सुनो राय झुमकरा !
सुरत निरत दो हँसनी राय झुमकरा ,
अनभय मालन ऊतरी राय झुमकरा,
फूलन शेज बिछाइ सुनो राय झुमकरा ,
छत्र सिँहासन शवेत है रे झुमकरा,
पलकोँ चोरा डुराइ सूनो राय झुमकरा ,
अरस देवँग ना गावही र झुमकरा,
बिन पग का जहाँ पँथ है रे झुमकरा ,
मकरतार की डोर सुनो राय झुमकरा !
ओर कहुँ कुछ और है रे झुमकरा ,
बिन देही का देव सुनो राय झुमकरा !
स्वर्ग रसातल मेँ बसे र झुमकरा,
जाकी करले सेव सुनो राय झुमकरा ,
तीन चरण चिँतामणी रे झुमकरा,
गर्दन, गरीब मरोर सुनो राय झुमकरा !
सकल भेद तोसे कहुँ रे झुमकरा,।
तुम सुणियो शब्द सँदेश सुनो राय झुमकरा !
इन नेना दिखलाइये रे झुमकरा,
केसा है वो देश सुनो राय झुमकरा !
पल नीचे पल ऊपरे रे झुमकरा,
तामद नरक निहार सुनो राय झुमकरा, अजर
नजर आवे नहीँ रे झुमकरा.
खेले अधर अधार सुनो रे झुमकरा !
स्वर्ग रसातल भिन सुनो रे झुमकरा,
त्रिकुटि छाजे बेठ के रे झुमकरा,
वो देखो रामरतन सुनो राय झुमकरा !
सनकादिक नारद रटे रे झुमकरा,
ये रटे ब्रह्मा, विष्णु, महेश सुनो राय झुमकरा !
सहँश फुना मुख गावही रे झुमकरा,
ये ध्यान धरत है शेष सुनो राय झुमकरा !
नेनोँ ही मे नेन रख रे झुमकरा !
दास गरीब अतोल ह रे झुमकरा,
अवगत पुरुष अलेख सुनो राय झुमकरा !
अधर समाधी लाइये रे झुमकरा,
अधर देख दिदार सुनो राय झुमकरा !
अधर राग रँग होत है रे झुमकरा,
अधर रास विलास सुनो राय झुभकरा,
अधर स्वर साहेब धणी रे झुमकरा ।।
चल बँकनाल के घाट सुनो राय झुमकरा !
इला पिँगला फेरिये रे झुमकरा ,
ऊतरो औघट घाट सुनो राय झुमकरा !
शुषमन सुरत लगाइये रे झुमकरा,
वो खोलो बज्र कपाट सुनो राय झुमकरा !
काया नगरी जद बसे राय झुमकरा ,
जद घर आवे आठ सुनो राय झुमकरा !
द्वादश बँध लगाइये राय झुमकरा,
जहाँ कोटि कला शशी भान सुनो राय झुमकरा !
जहाँ दोना मरुआ फूल ह राय झुमकरा,
सूरजमुखी सुभान सुनो राय झुमकरा !
सुरत निरत दो हँसनी राय झुमकरा ,
अनभय मालन ऊतरी राय झुमकरा,
फूलन शेज बिछाइ सुनो राय झुमकरा ,
छत्र सिँहासन शवेत है रे झुमकरा,
पलकोँ चोरा डुराइ सूनो राय झुमकरा ,
अरस देवँग ना गावही र झुमकरा,
बिन पग का जहाँ पँथ है रे झुमकरा ,
मकरतार की डोर सुनो राय झुमकरा !
ओर कहुँ कुछ और है रे झुमकरा ,
बिन देही का देव सुनो राय झुमकरा !
स्वर्ग रसातल मेँ बसे र झुमकरा,
जाकी करले सेव सुनो राय झुमकरा ,
तीन चरण चिँतामणी रे झुमकरा,
गर्दन, गरीब मरोर सुनो राय झुमकरा !
सकल भेद तोसे कहुँ रे झुमकरा,।
तुम सुणियो शब्द सँदेश सुनो राय झुमकरा !
इन नेना दिखलाइये रे झुमकरा,
केसा है वो देश सुनो राय झुमकरा !
पल नीचे पल ऊपरे रे झुमकरा,
तामद नरक निहार सुनो राय झुमकरा, अजर
नजर आवे नहीँ रे झुमकरा.
खेले अधर अधार सुनो रे झुमकरा !
स्वर्ग रसातल भिन सुनो रे झुमकरा,
त्रिकुटि छाजे बेठ के रे झुमकरा,
वो देखो रामरतन सुनो राय झुमकरा !
सनकादिक नारद रटे रे झुमकरा,
ये रटे ब्रह्मा, विष्णु, महेश सुनो राय झुमकरा !
सहँश फुना मुख गावही रे झुमकरा,
ये ध्यान धरत है शेष सुनो राय झुमकरा !
नेनोँ ही मे नेन रख रे झुमकरा !
दास गरीब अतोल ह रे झुमकरा,
अवगत पुरुष अलेख सुनो राय झुमकरा !
अधर समाधी लाइये रे झुमकरा,
अधर देख दिदार सुनो राय झुमकरा !
अधर राग रँग होत है रे झुमकरा,
अधर रास विलास सुनो राय झुभकरा,
अधर स्वर साहेब धणी रे झुमकरा ।।
सत साहेब जी