आजा बन्दे शरण राम की फिर पाछे पछतावेगा ॥
👉बालू की भीत पवन का खम्भा कब लग खैर मनावेगा ।
👉आ जम तेरे घट ने घेरे तू राम कहन न पावेगा ॥
👉काल बली तेरे सिर पे बैठा भूजा पकड़ ले जावेगा ।
👉मात पिता तेरा कुटूँब कबीला सारा ही खड़ा लखावेगा ॥
👉धरम राय तेरा लेखा लेगा वहाँ क्या बात बनावेगा ।
👉लाल खम्भ से बाँधा जावे बिन सतगुरू कौन छूटावेगा ॥
👉दिया लिया तेरे संग चलेगा धरा ढँका रह जावेगा ।
👉👉कहे कबीर सुनो भई साधो करनी के फल पावेगा ॥
😹बन्दी छोड़ सत् गुरु रामपाल जी परमात्मा की जय हो😹
🙏🙏सत् साहिब🙏🙏
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