___ सुरापान मध माॉसाहारी ,गमन करै भोगै पर नारी l
सत्तर जन्म कटत हैं शिशम् ,साक्षी साहिब है जगदीम् ll
___ पर द्धारा स्त्री का खोलै ,सत्तर जन्म अन्धा हो डोलै l
सौ नारी जारी करै ,सुरापान सौ बार l
एक चिलम हुक्का भरे , डूबै काली धार ll
अनुवाद :-----जैसे कि ऊपर वर्णन किया है कि एक बार शराब पीने वाला सत्तर जन्म कुत्ते का जीवन भोगता है l फिर मल -मूत्र खाता - पिता फिरता है lपरस्त्री गमन करने वाला सत्तर जन्म अन्धे के भोगता है l मांस खाने वाला भी महाकष्ट का भागी होता है lउपरोक्त सर्व पाप सौ-सौ बार करने वाले को जो पाप होता है lवह एक बार हुक्का पीने वाले अर्थात् तम्बाखु सेवन करने वाले को सहयोग देने वाले को होता है lतम्बाखु सेवन करने वाले हुक्का ,सिगरेट ,बीड़ी या अन्य विधि से सेवन करने वाले तम्बाखु खाने वालों को क्या पाप लगेगा ? घोर पाप का भागी होगा l
______भाई लोगों विचार जरूर करना परमेश्वर की वाणी है __/ सत् साहेब जी _/
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