Wednesday, March 23, 2016

एक ही मामले में दो कानून अपना रही है भाजपा सरकार

एक ही मामले में दो कानून अपना रही है भाजपा सरकार
-देशद्रोह के समान मामले में अन्य आरोपियों को मिली जमानत, लेकिन बहन राजकला व संत रामपाल को नहीं दी जा रही जमानत
हिसार, 23 मार्च।
सत साहेब इन इंडिया के संयोजन डॉ. रामकुमार सौलंकी ने देशद्रोह के एक जैसे मामलों मेें अलग अलग कानून व पुलिस कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। सौलंकी ने कहा कि जेएनयू के छात्र कैन्हया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वान भट्टाचार्य पर धारा 124ए के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद उन्हें छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी जाती है। इसके अलावा देशद्रोह के आरोप में ही जेल में बंद दिल्ली विवि के पूर्व प्रो. एसएआर गिलानी को जमानत मिल सकती है तो ऐसे ही सतलोक आश्रम प्रकरण में बहन राजकला सहित अन्य बहनों व सैंकड़ों की संख्या में संत रामपाल के अनुयायियों को जमानत क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि इन भक्तों ने न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व देश के खिलाफ नारे लगाए और न ही देशद्रोह से संबंधित किसी अन्य गतिविधि में भाग लिया। ये भक्त तो मात्र संत रामपाल के अनुयायी हैं और बरवाला में मात्र उनके सत्संग में ही गए थे, लेकिन सरकार ने इनपर देशद्रोही की धारा 124ए लगाकर जेल में डाल दिया और उन्हें अभी तक जमानत नहीं दी गई। एक ही देश में एक ही कानून को दो तरीके से क्यों लागू किया जा रहा है। डॉ. सौलंकी ने कहा कि जो सिर्फ सच बोलते हैं, उनके प्रताप से सिंहासन डोल जाते हैं। एक बार सच सुकरात ने बोला था, लेकिन उन्हें जालिमों ने जहर पिला कर मार दिया, वहीं एक सच ईसा मसीह ने बोला था, लेकिन उनके हाथों में भी कीलें ठोककर उन्हें मार दिया। अब ऐसा ही मामला संत रामपाल के साथ हो रहा है और उन्हें सच बोलने की सजा मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सतलोक आश्रम प्रकरण में सभी राजनीतिक पार्टियों के इशारों पर संत रामपाल पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया और अब भी संत रामपाल के मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप किया जा रहा है। यही कारण है कि उनपर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया और उन्हें जमानत भी नहीं दी जा रही। संत रामपाल के भक्त इसे अब ज्यादा देर तक सहन नहीं करेंगे।

डा. रामकुमार सौलंकी
मो. 9255312817

1 comment:

  1. Yahi mamla aapko samjh nhi aaya sir
    i want to explan all over
    9466897073

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