Saturday, May 7, 2016

भगवान मन्दिर मे है...?

एक दस साल का बच्चा पहली बार अपने पिता के साथ घूमने निकला ।
रास्ते में एक मंदिर मिला तो ,पिता जी ने कहा बेटा(मन्दिर की ओर इसारा करते हुए) , हाथ जोड़कर प्रणाम करो । बेटे ने पूछा ,किसको प्रणाम करूँ पापा ?

पापा : बेटा भगवान को प्रणाम करो ।

बेटा : लेकिन पापा भगवान है कहाँ ?

पापा : बेटा वो मंदिर में हैं ।

बेटा : पापा, मंदिर तो बंद है उसमे मोटासा ताला लगा
हुआ है ,भगवान को किसने मंदिर में बंद कर दिया ?

पापा : बेटा ये भगवान को मंदिर में बंद नही किया
बल्कि मंदिर की सुरक्षा के लिए ताला लगाया हुआ
है ।

बेटा : मंदिर में तो खुद भगवान रहते हैं, उनको किससे सुरक्षा की जरुरत है ?

पापा : बेटा मंदिर में बहुत कीमती कीमती मूर्तियाँ रखी होते हैं और वो मूर्तियाँ कीमती गहने पहने होती है । चोर और तस्कर हमेशा उनको चोरी करने की फ़िराक में रहते हैं इसीलिए उनसे बचाने के लिए मंदिर को बंद किया जाता है ।

बेटा : लेकिन पापा वो तो खुद भगवान है सब कुछ करने
वाला है फिर कोई साधारण चोर उनको कैसे चुरा सकता
है ? जब भगवान खुद को ही चोरी होने से नही बचा सकता है तो फिर मुझको या किसी और को क्या दे सकता है ? ऐसे भगवान को प्रणाम करने से क्या फायदा ?

पापा : बेटा अभी ये बाते तुम्हारी समझ में नही आएँगी और भगवान पर सवाल नही करते चुपचाप जैसे सुनते आये हो उसको ही सच मानो ।

बेटा : तो पापा हमको अपने दिमाग का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए और जानवरों जैसी जिन्दगी व्यतीत करनी चाहिए ।

अब

पापा के गुस्से की हदें पार हो गयी । उसने बेटे के जोर
का तमाचा मारते हुए कहा चुप कर भगवान पर सवाल
उठाता है मेरा बाप बनने की कोशिश करता है नालायक ।

विचार किजिये
" क्या भगवान मन्दिर मे है...

इतने दिन हमारे धर्म गुरु हमें शास्त्र विरुद्ध साधना करवाते रहे इन्होंने हमें धर्म ग्रन्थ पढने का अधिकार भी नहीं दे रखा था लेकिन आज पुरा मानव समाज शिक्षित् है पाखण्डवाद मिटाऔ और सर्व धर्मग्रन्थो के सत्य को पहचानो.....

सत् (सत्य/वास्तविक/सच्चा)
साहेब (भगवान/मालिक/ईश्वर)

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