Wednesday, February 8, 2017

सावधान !!! राधास्वामी पंथ में पाँच नाम मन्त्र देते हैं - वो जान्ने देखिए


ज्योति निरंजन, ओंकार, रंरंकार, सोहं और सतनाम |
इसी पंथ की शाखा धन-धन सतगुरू- सच्चा सौदा सिरसा वाले

अब तीन नाम मन्त्र
1. सतपुरूष
2. अकाल मूर्ति
3. शब्द स्वरूपी राम

तथा जगमालवाली वाले
‘‘धन-धन सतगुरू तेरा ही आसरा’’ एक नाम मन्त्र देते हैं, पहले
पांच नाम मन्त्र ही दान किए जाते थे। दिनोंद (जिला भिवानी)
हरियाणा में श्री ताराचन्द जी वाले पंथ एक
‘‘राधा स्वामी’’ नाम का मन्त्र देते हैँ इसी को सारनाम बताते हैँ | श्री आसाराम बापू (अहमदाबाद वाले) सोहं
मन्त्र को दो भागों में स्मरण करने को कहते हैँ तथा कई अन्य मन्त्र भी देते हैँ। जिन में से रूची अनुसार साधक
को स्वयं चुनना होता है।
1. गायत्री मन्त्र (ओम् भूर्भुवः ------)
2. ओम् नमः शिवाय
3. ओम् नमः भगवते वासुदेवाय
4.------ इत्यादि अनेक नाम मन्त्र दिए जाते है
|
श्री सुधांशुजी (बकरवाला दिल्ली वाले)
हरि ओम्-तत्-सत् का जाप मन्त्र देते हैँ।
श्री शिव भगवान को अजन्मा-अजर-अमर अर्थात् मृत्युंज्य तथा सर्वेश्वर आदि बताते हैं । जब कि श्री देवी महापुराण
तथा शिव महापुराण में श्री शिव का जन्म मृत्यु लिखा है ।
“निरंकारी” पंथ वाले एक नाम मंत्र
“ तू ही एक निरंकार। मैं तेरी शरण मुझे बख्स लो” देते हैं तथा परमात्मा को निराकार बताते हैं। जबकि परमात्मा सशरीर है। उपरोक्त मन्त्र शास्त्र विरूद्ध होने से मोक्ष दायक नहीं हैं।
‘‘हंसा देश
पंथ’’ (श्री सतपाल जी महाराज पंजाबी बाग दिल्ली वाले तथा श्री प्रेम रावत उर्फ बालयोगेश्वर जी महरौली दिल्ली वाले) “हंस” का जाप दो हिस्से करके जाप करने को देते हैं। इसको उल्टा करके सहं करके सोहं को भी दो हिस्से करके जाप करने को देते है तथा आँख बन्द करके हठ योग क्रियाऐं देते हैं जो शास्त्रविरूद्ध हैं मोक्ष दायक नहीं हैं। 

भावार्थ है कि ओम्-तत् (सांकेतिक) तथा सत् (सांकेतिक) के अतिरिक्त सर्व साधना शास्त्र विरूद्ध अर्थात्म नमाना आचरण (पूजा) है। जो पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक (मन्त्र) 23 में व्यर्थ कहा है तथा (श्लोक) मन्त्र 24 में कहा है कि परमात्मा की भक्ति के लिए शास्त्रों(वेदों) को ही आधार मानें। इनके (गीता , वेदोँ ) अलावा की गई
साधना शास्त्र विरूद्ध है, मोक्ष दायक नहीं है।

5 comments:

  1. Dera sacha sauda ka guru manter galt lekha hai

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  2. जो दूसरे पंथ को गलत बताता है वो स्वयं गलत है
    आप सही हो इसका ढिंढोरा पीटने की जरूरत नहीं है

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