Saturday, February 4, 2017

VERY VERY IMPORTANT SMS FOR ALL BHAKAT,S

सत साहेब।।

परमात्मा की वाणी है ....
चार पहर धंधे गया तीन पहर गया सोय, 
एक पहर हरी नाम बिना मुक्ति कहा से होय

परमात्मा ने दया की हम तुच्छ जीवो पर और एक पहर की भक्ति के विषय में समझाया कि वह एक पहर क्या है और एक पहर भी वह कोनसी भक्ति साधना है जिसके तन मन से कर लेने से भी इस कलयुग में मोक्ष संभव है।
1 पहर 3 घंटे का होता है, और 8 पहर में 24 घंटे अर्थात एक दिन रात होता है

जिसमे से 4 पहर अर्थात 8 घंटे का समय भक्त अपनी रोजी रोटी के लिये धंधे में व्यतीत कर देता है। 3 पहर अर्थात 9 घंटे भक्त रात्रि विश्राम में व्यतीत कर देता है अब भक्त के पास केवल 1 पहर अर्थात 3 घंटे बचे, और यदि एक पहर भी हमने भक्ति नहीं की तो परमेश्वर हमसे कैसे खुश होंगे।

1 पहर की भक्ति क्या है। परमपूज्य सतगुरु देव जी (संत शिरोमणि रामपाल जी महाराज जी) ने हमें..
सुबह का नित्य नियम   जो 47:38 मिनट का है
दोपहर की असुर निकंदन रमैनी जो 16: 31 मिनटकी है।
संध्या आरती जो 35:44  मिनट की है
प्रथम मन्त्र जो 26:22 मिनट का है
 प्रति दिन का सत्संग 1 घंटे सुनना सभी के लिए अति आवश्यक है।
सतनाम जोकि अजप्पा जाप बताया है मालिक ने वह तो सतगुरु के बताये अनुसार अनवरत चलता ही रहना चाहिए।

जब हम तीनो समय की आरती, मन्त्र व् 1 घंटे के सत्संग को काउंट करेंगे तो कुल समय 3 घंटे 5 मिनट 35 सेकंड अर्थात 1 पहर हो जाता है।

सतगुरु देव जी के बताए अनुसार सतलोक प्राप्ति के लिए यह 1 पहर की भक्ति मर्यादाओं के साथ अति आवश्यक है, और हमें उसी विधि से करनी होगी जो  सर्वश्रेष्ठ विधि हमें सतगुरु देव जी ने बताई है। इस गंदे लोक में समय कभी नहीं मिलेगा, लेकिन प्रभु से बार बार विनती करके हमें तीनो गुणों से संघर्ष करते हुए समय निकालना पड़ेगा, क्योंकि सतगुरु ने हमें रास्ता बता दिया  है अब उस पर चलने की हिम्मत हमें स्वयं ही करनी पड़ेगी,

यह massage भक्त बहन भाइयो के लिए एक प्रार्थना स्वरुप है कोई त्रुटि हुई हो तो दास सभी से क्षमा प्रार्थी है
परमात्मा के ज्ञान आधार व् भविष्य वाणियो के अनुसार लगातार बढ़ रही रज व् तम की डिग्री के प्रभाव व् विनाशकारी समय में यदि कोई बचाव का तरीका है तो सतगुरु देव जी के बताये अनुसार केवल उपरोक्त भक्ति विधि है।

सत साहेब।।

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