1. जो माँस , मछली , अंडे, इत्यादि बिल्कुल
भी नही
खाते.
2. शराब, बीड़ी, तंबाकू हुक्का चिलम व अन्य
नशीली वस्तुओं का सेवन नही करते
3. किसी के बारें मे ग़लत नही सोचते और ना ही
किसी का नुकसान करने की सोचते.
4. नाच गाने से दूर रहते है , फिल्में वगरह नही
देखते
5. दहेज ना लेते है और ना देते है
6. चोरी रिश्वत खोरी से दूर रहते है
7. खाली समय मे सिर्फ़ सुमिरन करतें है ना की कोई
व्यर्थ की बातें सोचने और बोलने मे
समय गवाते है
8. सामाजिक परम्परओ से दूर पर दूसरे की मदद मे
कभी पीछे नही हटते
9. छुवा छूत भेद भाव नही रखते और मानव धर्म को
मानते है
10. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म और इनको मानने
वालो से नफ़रत नही करते पर पूजा
कबीर साहेब के द्वारा बताए गये विधि से ही करते
है क्योंकि पूर्ण परमात्मा GOD कबीर ही है1
11. पराई स्त्री को हमेशा बहन या माता की नज़र
से ही देखते है
12. कठिन से कठिन समय मे भी इनका मन शांत
रहता है
13. किसी अन्य की संपत्ति को देखकर कभी ईर्ष्या
या नफ़रत या फिर उसी प्रकार की इच्छा कभी नही
जागृत होती
खाते.
2. शराब, बीड़ी, तंबाकू हुक्का चिलम व अन्य
नशीली वस्तुओं का सेवन नही करते
3. किसी के बारें मे ग़लत नही सोचते और ना ही
किसी का नुकसान करने की सोचते.
4. नाच गाने से दूर रहते है , फिल्में वगरह नही
देखते
5. दहेज ना लेते है और ना देते है
6. चोरी रिश्वत खोरी से दूर रहते है
7. खाली समय मे सिर्फ़ सुमिरन करतें है ना की कोई
व्यर्थ की बातें सोचने और बोलने मे
समय गवाते है
8. सामाजिक परम्परओ से दूर पर दूसरे की मदद मे
कभी पीछे नही हटते
9. छुवा छूत भेद भाव नही रखते और मानव धर्म को
मानते है
10. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म और इनको मानने
वालो से नफ़रत नही करते पर पूजा
कबीर साहेब के द्वारा बताए गये विधि से ही करते
है क्योंकि पूर्ण परमात्मा GOD कबीर ही है1
11. पराई स्त्री को हमेशा बहन या माता की नज़र
से ही देखते है
12. कठिन से कठिन समय मे भी इनका मन शांत
रहता है
13. किसी अन्य की संपत्ति को देखकर कभी ईर्ष्या
या नफ़रत या फिर उसी प्रकार की इच्छा कभी नही
जागृत होती
लाली मेरे लाल की, जित देखू तित लाल ।
लाली देखन में गयी, में भी हो गयी लाल ॥
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