Friday, January 8, 2016

facebook & Whats app पर बार बार सत् साहेब भेजने वाले भक्त भाइयो से विशेष प्रार्थना है इसे जरूर पढ़िए व् साथ में चिंतन भी करे


व्हाट्स एप्प use करने वाले दास के कुछ भक्त भाई बहन ऐसे भी है जिनको पता नहीं होगा की इस लोक के सभी यंत् काल भगवान् के है हमें वास्तविकता से दूर रखकर व्यर्थ के कार्यो में फंसा के रखना इन यंत्रो के माध्यम से ही करता है।
लेकिन मलिक ने भी कहा है की काल के चलाये इन यंत्रो का उपयोग आने वाले समय में हम तत्त्वज्ञान समझकर परमार्थ के कार्यो के लिए किया करेंगे।
मित्रो ऐसा ही एक यंत्र whats app है इस यंत्र पर यदि हम चाहेंगे तो ही हमारे समय का सदुपयोग हो सकता है वरना हमारे अनमोल समय का तो काफी अंश बर्बाद होता ही है अनजाने में हम अन्य भक्त भाइयो का भी समय बर्बाद करते है।
जानिये कैसे?
सतगुरु देव जी ने हमें तत्त्वज्ञान व् नाम उपदेश देकर सबसे पहले जीवन बक्शा व् भक्त बनाया तथा साथ ही भक्तो के लक्षण व् रहने सहने की विधि भी सत्संगों के माध्यम से समझाई। लेकिन सोचना हमें स्वयं है की उन फार्मूलों पर अभी हम कितने चल पाये है और कितने नहीं।
1. परमात्मा ने बताया की सत् साहेब सुनते ही हमें तुरंत बंदीछोड़ द्वारा बक्शा गया अनमोल मन्त्र सुमरिन करना होता है। लेकिन एक ग्रुप में एक ही भक्त दिन में कम से कम 10 बार सत् साहेब लिखता व् पढता है ।
लेकिन विचार करना हमने सत् साहेब पढ़कर एक बार भी सुमरिन शुरू नहीं किया होगा। इसलिए जो सत् साहेब शब्द आपजी बार बार भेज रहे हो क्या पढ़ने वाले के द्वारा सत् साहेब पढ़कर सुमरिन में ध्यान ना देकर आगे बढ़ जाना परमात्मा का अपमान नहीं नहीं है ?
हम बार बार सत् साहेब बोलकर सामने वाले को जो सन्देश देना चाहते है क्या हम स्वयं उसपर अमल करते है यदि नहीं तो बार बार हमारा सत् साहेब बोलना व्यर्थ होता है।
2. आजकल हर भक्त लगभग ऑनलाइन ही रहता है और वो अपने भक्त भाइयो से उम्मीद करता है की शायद कोई अच्छा सा मेसेज मेरे भक्त भाई भेजेंगे। इस आशा के साथ जब भी रिंग बजती है वह तुरंत खाना खाते हुए या चाहे बाथरूम में ही क्यों न हो अपने बहन भाई या भक्तमति को अंदर से ही आवाज लगाकर पूछता है की अरे भाई जरा देखना तो क्या मैसेज आया है ?
जवाब आता है कुछ नहीं आया केवल सत् साहेब आया है।
सत् साहेब का अर्थ सतगुरु देव जी ने अविनाशी परमात्मा बताया है लेकिन हमारी बार बार सत् साहेब भेजने की छोटी सी गलती के कारन हमारे ही भक्त कहते है कुछ नहीं केवल सत् साहेब आया है
यानि हमारी गलती ने सत् साहेब शब्द को सामान्य बना दिया।बंदीछोड़ कहते है भाई सत् साहेब केवल इस भक्ति मार्ग में एक code word है। असली मुक्ति दिन में 100 बार सत् साहेब लिखने से नहीं नाम सुमरिन से होगी।
इसलिए दास पुनः सारा दिन whats app पर और फेसबुक पर सत्साहेब की रट लगाने वाली परमात्मा की प्यारी आत्माओ से करबद् निवेदन करता है हम सब का समय अनमोल है अपना भी बचाये व् दूसरो का भी।
3. यदि किसी भक्त का whats app पर कोई latest पोस्ट या अन्य news आती है तो मेरे कुछ भक्त भाई धैर्य व् संतोष का परिचय देते हुए इतना भी नहीं देख पाते की जिस पोस्ट को अन्य ग्रुप में भेजने की हम इतनी जल्दबाजी कर रहे है वे पोस्ट already पांच पांच बार अन्य धैर्यवान भक्त भाई भेज चुके होते है।
अत दास का निवेदन है जो भी पोस्ट आता है पहले तो आपजी उसे ध्यान से पूरा पढ़िए और यदि आपजी को लगता है की ये पोस्ट अन्य ग्रुप में भेजने लायक है तो अवश्य भेजिए। जल्दबाजी बिलकुल ना करे।
4. समर्थ की शरण में आने का मतलब ये नहीं की अब तो काँटा भी नहीं लगेगा। यदि मालिक की शिक्षाओ व् मर्यादाओ से बाहर निकले तो वो सबकुछ हो सकता है तो एक गुरु विहीन के साथ होता है।इसलिए whats app ग्रुप में राजनीति व् उससे सम्बंधित पोस्ट शेयर करने से बचे व् साथ ही समय बचाये।
5. आजकल whats app पर हमारे कुछ भक्त भाई अपने अन्य भक्त भाइयो को धनी (पैसे वाला) बनाने के चक्कर में दिन रात चिंतित रहते है और पता नहीं कहा कहा से application डाउनलोड करके उन्हें समझाते है भाई इसमें ऐसा करोगे तो 15 डॉलर और वैसा करोगे तो 50 डॉलर और सबकुछ करोगे तो हर महीने account में लाखो जमा होते रहेंगे।
उन सलाहकार भक्त भाइयो को दास की एक सलाह है की सतगुरु देव जी हमें बार बार सलाह देते है की बच्चों इस माया के तुम घणे चक्कर में मत पड़ो ये तुम्हारे पैरो की सबसे बड़ी जंजीर है। और हम फिर भी मालिक की शिक्षाओ के विपरीत भक्तो को घर बैठे माया कमाने के नुश्खे बताते रहते है। इससे भी बचे।
6. कुछ भक्तो ने तो सत् साहेब को मजाक बना दिया इतना लंबा जानवर सत् साहेब शब्द को जोड़कर बना देते है उसकी पूछ भी व् पैर भी सत् साहेब से ही बनाते है।
कुछ भक्त ऐसा आड़ा टेड़ा सत् साहेब बनाते है साँप से भी लंबा उसको निचे करते करते उंगलिया दर्द करने लगती है।
कहने का मतलब है इन सब तरीको से हमारा अनमोल समय काफी बर्बाद होता है और काल भगवान् यही चाहता है की एक तो कलयुग में इसके पास कम उम्र के कारन बहुत कम स्वास् बची है और बची है उनको whats app या कंप्यूटर आदि पर रात दिन उलझाकर बर्बाद करवा दू।
इसलिए भाइयो काल के चक्कर में आकर समय बर्बाद करना हैै या कोई अच्छा सा मालिक से सम्बंधित पोस्ट भेजकर अपने व् पढ़ने वाले के पुनकर्म बनने में सहयोग करना है।
दास का इतना कुछ कहने को अपने दिल पर मत लेना जी ।
बोलो सतगुरु देव जी की जय
by NC ARYA

2 comments:

  1. anmol sandesh ke liye dhaneyabaad.

    jai bandi chod ki.
    sat sahib

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  2. भगतजी आपजी का बहुत धन्यवाद पोस्ट के लिए । जय हो बँदीछोड़ की

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