Monday, March 7, 2016

पबित्र कुरान

अल-फुरकान (Al-Furqan) - 25
आयत = 52 से 59
आल्लाहु अकबिर का सटिक जानकारी

अल-फुरकान (Al-Furqan):52 - अतः इनकार करनेवालों की बात न मानता और इस (क़ुरआन) के द्वारा उनसे जिहाद करो, बड़ा जिहाद! (जी तोड़ कोशिश)

अल-फुरकान (Al-Furqan):53 - वही है जिसने दो समुद्रों को मिलाया। यह स्वादिष्ट और मीठा है और यह खारी और कडुआ। और दोनों के बीच उसने एक परदा डाल दिया है और एक पृथक करनेवाली रोक रख दी है

अल-फुरकान (Al-Furqan):54 - और वही है जिसने पानी से एक मनुष्य पैदा किया। फिर उसे वंशगत सम्बन्धों और ससुराली रिश्तेवाला बनाया। तुम्हारा रब बड़ा ही सामर्थ्यवान है

अल-फुरकान (Al-Furqan):55 - अल्लाह से इतर वे उनको पूजते है जो न उन्हें लाभ पहुँचा सकते है और न ही उन्हें हानि पहुँचा सकते है। और ऊपर से यह भी कि इनकार करनेवाला अपने रब का विरोधी और उसके मुक़ाबले में दूसरों का सहायक बना हुआ है

अल-फुरकान (Al-Furqan):56 - और हमने तो तुमको शुभ-सूचना देनेवाला और सचेतकर्ता बनाकर भेजा है।

अल-फुरकान (Al-Furqan):57 - कह दो, "मैं इस काम पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता सिवाय इसके कि जो कोई चाहे अपने रब की ओर ले जानेवाला मार्ग अपना ले।"

अल-फुरकान (Al-Furqan):58 - और उस अल्लाह पर भरोसा करो जो जीवन्त और अमर है और उसका गुणगान करो। वह अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने के लिए काफ़ी है

अल-फुरकान (Al-Furqan):59 - जिसने आकाशों और धरती को और जो कुछ उन दोनों के बीच है छह दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। रहमान है वह! अतः पूछो उससे जो उसकी ख़बर रखता है

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